सोलर कंपनी वारी एनर्जीज (Waaree Energies) आईपीओ के जरिए 2300 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है। कंपनी ने चेयरमैन और एमडी हितेश चिमनलाल दोशी के मुताबिक यह आईपीओ इसी वित्त वर्ष में लाने की योजना है। उन्होंने ये बातें मनीकंट्रोल को दिए इंटरव्यू में कही। हितेश का कहना है कि कंपनी अगले वित्त वर्ष 2025 में इलेक्ट्रोलाइजर भी बनाने लगेगी और इलेक्ट्रिकल वेईकल (EV) की बैट्रीज के लिए सेल भी बनाना शुरू करेगी। इसकी सब्सिडियरी वारी रिन्यूएबल टेक्नोलॉजीज देश के बाहर अपना पहला सोलर मॉड्यूल प्लांट अमेरिका के टेक्सास में खोलने वाली है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय सोलर पैनल कंपनियों का इस समय अधिकतर ध्यान निर्यात पर है क्योंकि जब से चीन ने अपने सोलर मॉड्यूल का दाम 26 सेंट्स से गिराकर 14 सेंट्स कर दिया है, स्वदेशी मॉड्यूल की मांग फीकी हो गई है।
दो चरणों की विस्तार योजना
हितेश के मुताबिक सोलर मैनुफैक्चरिंग में कंपनी की विस्तार योजना दो चरणों की है। पहले चरण में 12 गीगावॉट की क्षमता वाला सोलर मॉड्यूल प्लांट बन चुका है। अब गुजरात के चिखली में मौजूद इस प्लांट में 5.4 गीगावॉट की क्षमता का सोलर सेल मैनुफैक्चरिंग प्लांट सेटअप किया जा रहा है। यह अगले साल मार्च तक तैयार हो जाएगा। पहले चरण की लागत 2800 करोड़ रुपये की है। दूसरे चरण में करीब 8000 करोड़ रुपये के निवेश से 6 गीगावॉट का इनगॉट-टू-वेफर-टू-मॉड्यूल मैनुफैक्चरिंग यूनिट बनाया जाएगा। यह मार्च 2025 तक तैयार हो जाएगा।
दूसरे चरण में प्लांट कहां बनेगा, इसके लिए स्थान अभी तय नहीं है। हितेश के मुताबिक गुजरात, राजस्थान और ओडिशा की सरकारों से इसे लेकर बातचीत चल रही है और कम से कम दो स्थानों पर इसे सेट अप किया जाएगा। दो से तीन हफ्ते में इसका ऐलान भी कर दिया जाएगा कि कौन सी जगहें चुनी गई हैं।
विस्तार योजना के लिए फंड कैसे आएगा, इसे लेकर हितेश का कहना हैकि उनकी कंपनी मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी की PLI (प्रोडक्शन-लिंक्ड इनसेंटिव) स्कीम का फायदा उठाने के योग्य है। हाल ही में इसने इक्विटी फंडिंग के जरिए 1000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। हालांकि दूसरे चरण के लिए 8 हजार करोड़ रुपये चाहिए तो हितेश के मुताबिक बाकी पैसों को जुटाने के लिए आईपीओ लाया जाएगा। इसके लिए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) तैयार किया जा रहा है।
IPO से कितने पैसे जुटाने की योजना?
विस्तार के लिए कंपनी आईपीओ के जरिए पैसे जुटाने की तैयारी में है। हितेश के मुताबिक 2 हजार करोड़ रुपये का आईपीओ हो सकता है और इसे इसी वित्त वर्ष 2023-24 में लाया जा सकता है। हालांकि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कितनी तेजी से डॉक्यूमेंटेशन का काम पूरा हो जाएगा।