रेगुलेटरी नियमों के उल्लंघन और रिजर्व बैंक (RBI) की चेतावनियों पर ध्यान नहीं दिए जाने की वजह से पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) पर कार्रवाई की गई है। सूत्रों ने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया कि रिजर्व बैंक को पेटीएम पेमेंट्स बैंक के बारे में मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून के उल्लंघन की भी शिकायत मिली थी।
सूत्रों के मुताबिक, रिजर्व बैंक को पेमेंट्स बैंक की ऑडिट में कई गड़बड़ियों का पता चला, जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून का उल्लंघन भी शामिल था। रिजर्व बैंक के मुताबिक, बैंक ने KYC (नो योर कस्टमर) दस्तावेजों की भी ठीक से जांच नहीं की। रिजर्व बैंक ने पाया कि कंपनी ने क्लाइंट्स को जोड़ने से पहले फंड के स्रोत की जांच नहीं की। सूत्र ने बताया, ' ऑडिट में पाया गया कि मर्चेंट एकाउंट के जरिये बड़े पैमाने पर ऐसे ट्रांजैक्शन हुए जहां फंड के स्रोत का पता लगाने के लिए ठीक तरह से KYC की प्रक्रिया नहीं अपनाई गई थी।'
सूत्रों के मुताबिक, दूसरा मसला पेटीएम ग्रुप (Paytm group) की दूसरी कंपनियों के साथ 'संबंधित-पार्टी ट्रांजैक्शन' का था। बैंकिंग रेगुलेटर ने पाया कि पेमेंट्स बैंक खुद को हितों के टकराव से बचाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा है। एक सूत्र ने बताया, ' पेटीएम पेमेंट्स बैंक और ग्रुप की अन्य इकाइयों के बीच ज्यादा घालमेल की वजह से रिजर्व बैंक पेमेंट्स बैंक की स्वायत्तता को लेकर चिंतित था और पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा का बैंक के अहम फैसलों और ऑपरेशन में अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रण भी था।'
शेयरहोल्डिंग का जटिल पैटर्न
सूत्रों का कहना है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) के जटिल ओनरशिप स्ट्रक्चर को लेकर भी रिजर्व बैंक को चिंता थी। बैंक में वन97 कम्युनिकेशंस (One97 Communications) की 49 पर्सेंट हिस्सेदारी है, जबकि 10 पर्सेंट हिस्सेदारी शर्मा और One97 के ज्वाइंच वेंचर की है। इसके अलावा, शेयरहोल्डिंग और डायरेक्टरशिप के जरिये भी शर्मा का One97 पर कंट्रोल है। सूत्रों की मानें तो केंद्रीय बैंक ने पेमेंट्स बैंक के IT सिस्टम में भी गड़बड़ियों के बारे में भी आगाह किया था, लेकिन चेतावनियों के बावजूद इसे दुरुस्त नहीं किया जा सका।