Yes Bank AT-1 Bonds Case: बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ यस बैंक (Yes Bank) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया है। निजी सेक्टर के दिग्गज बैंक ने एडीशनल टियर-1 बॉन्ड्स (AT-1 Bonds) के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ यह याचिका दायर किया है। 8400 करोड़ रुपये के इन बॉन्ड्स से जुड़ी याचिका में हाईकोर्ट ने निवेशकों को राहत दी थी और बैंक को झटका लगा था। करीब तीन साल पहले मार्च 2020 में यस बैंक ने रीस्ट्रक्चरिंग प्लान के तहत इन बॉन्ड्स को राइट ऑफ कर दिया था यानी कि निवेशकों का पैसा जीरो हो गया जिसके खिलाफ निवेशकों ने कानूनी दरवाजा खटखटाया था।
केंद्रीय बैंक आरबीआई ने यस बैंक को रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम के तहत इन बॉन्ड्स को राइट ऑफ करने का निर्देश दिया था। केंद्रीय बैंक ने यह निर्देश यस बैंक को ढहने से बचाने के लिए दिया था। यस बैंक की दलील है कि आरबीआई ने जो एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया था, उसके पास 14 मार्च 2020 को 8415 करोड़ रुपये के एटी-1 बॉन्ड्स को राइट ऑफ करने की शक्ति थी।
बॉम्बे हाईकोर्ट का क्या रुख है इस मामले में
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एटी-1 बॉन्ड्स की वैल्यू जीरो करने को गलत माना था। हाईकोर्ट के मुताबिक यस बैंक के इन बॉन्ड्स को राइट ऑफ करने के लिए जिस प्रक्रिया का पालन किया है, वह सही नहीं था। हाईकोर्ट के मुताबिक एडमिनिस्टर ने अपनी शक्तियों के बाहर जाकर इन बॉन्ड्स की वैल्यू को जीरो किया था। इससे 8450 करोड़ रुपये के बॉन्ड निवेशकों को बड़ी राहत मिली थी।
हाईकोर्ट का यह फैसला 20 जनवरी को आया था और उसके बाद ही बैंक के सीईओ प्रशांत कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में फैसले के खिलाफ अपील करने की बात कह दी थी। बैंक ने हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए समय मांगा था और फैसले पर स्टे लगाने की मांग की थी।