अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ (Adani Enterprises FPO) को वापस क्यों लिया गया, इसकी जांच को लेकर बाजार नियामक सेबी (SEBI) वित्त मंत्रालय को भी जानकारी भेजेगी। जानकारी के मुताबिक अडानी एंटप्राइजेज के ने 20 हजार करोड़ रुपये के एफपीओ को लेकर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) का बोर्ड 15 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) से मुलाकात करेगा। सेबी का बोर्ड वित्त मंत्री को इस बात की जानकारी देगा कि उसने अडानी ग्रुप के शेयरों में हालिया गिरावट के दौरान निगरानी के लिए कौन-कौन से तरीके अपनाए।
Adani Group Stock को लेकर SEBI क्या कर रहा जांच
अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर धड़ाधड़ गिरने लगे। इस रिपोर्ट में स्टॉक मैनुपिलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाया गया है। सेबी ट्रेड पैटर्न, विदेशों में शेयरों की बिक्री में गड़बड़ी और ग्रुप के विदेशी फंडों समेत अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट की जांच कर रहा है। सेबी ने निगरानी को लेकर कई अहम कदम उठाए थे। अब इन सबकी जानकारी इसे वित्त मंत्रालय को देनी है।
10 हजार करोड़ डॉलर से ज्यादा खोए लिस्टेड कंपनियों ने
अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप की कंपनियों का मार्केट कैप 10 हजार करोड़ डॉलर से अधिक घट चुका है। इन विपरीत परिस्थितियों में अडानी एंटरप्राइजेज को फुल सब्सक्राइब होने के बावजूद 20 हजार करोड़ रुपये का एफपीओ वापस लेना पड़ा। अडानी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडानी ने कहा था कि मौजूदा परिस्थितियों में अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ की प्रक्रिया को जारी रखना नैतिक रूप से सही नहीं है।