यस बैंक (Yes Bank) को जेसी फ्लावर्स एंड कंपनी (JC Flowers & Co.) की एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (ARC) में 20 फीसदी हिस्सेदारी लेने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। BQ Prime ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। हिस्सेदारी खरीदने के बाद यस बैंक को ARC के स्पॉन्सर के रूप में जाना जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, यस बैंक को ARC में 20 फीसदी हिस्सेदारी के लिए करीब 300 से 400 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं। हालांकि इस खबर से Yes Bank के शेयरों में कुछ खास तेजी देखने को नहीं मिली है। बुधवार को Yes Bank के शेयर 0.37% गिरकर 13.30 रुपए पर बंद हुए हैं.
नियमों के मुताबिक, बैंकिंग रेगुलेटर के मंजूरी के बिना कोई भी बैंक किसी एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (ARC) में 9.9% से अधिक हिस्सेदारी नहीं ले सकता है। इससे अधिक हिस्सेदारी लेने के लिए उसे बैंकिंग रेगुलेटर यानी RBI से मंजूरी लेने की जरूरत होती है। एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (ARC) में बैंकों की अधिक हिस्सेदारी हितों के टकराव को जन्म दे सकती है।
यही कारण है कि RBI आमतौर पर किसी बैंकों को ARC में 20 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी लेने की इजाजत नहीं देता है। इसके अलावा हितों के टकराव को रोकने के लिए RBI, बैंक और एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच किसी तरह के बैड लोन या फंसी हुई संपत्ति की बिक्री की इजाजत नहीं देता है।
बता दें कि JC Flowers ARC में हिस्सेदारी खरीदना यस बैंक के रिवाइवल प्लान का अहम हिस्सा है। यस बैंक अपने बैलेंस शीट से करीब 49,000 करोड़ से अधिक के लोन को इस ARC को ट्रांसफर करना चाहता है। यस बैंक ने अपनी बैलेंस शीट को मजबूत बनाने के लिए इस ARC को प्रस्तावित किया था और इसमें बहुमत हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोलियां मंगाई थी।
मिंट ने 2 जून को खबर दी थी कि यस बैंक ने 49,000 करोड़ रुपये के बैड लोन से छुटकारा पाने के लिए JC Flowers ARC को अपना पार्टनर सेलेक्ट किया था। बैंक का फोकस अपनी बुक्स को साफ रखने और क्रेडिट ग्रोथ के लिए पूंजी जुटाने पर रहा है।
दो साल पहले यस बैंक दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गया था। सरकार और RBI ने इसे डूबने से बचाने के लिए एक स्पेशल प्लान बनाया था। 8 जून को यस बैंक ने ऐलान किया था कि उसने रीकंस्ट्रक्शन स्कीम से बाहर निकलने का प्रोसेस शुरू कर दिया है।