Zee-Sony Merger: जी और सोनी के विलय को लेकर कोई अनिश्चितता नहीं है। जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (Zee Entertainment Enterprises) ने आज एक्सचेंज फाइलिंग में उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया जिसमें दावा किया गया था कि सोनी और जी के बीच का 1 हजार करोड़ डॉलर का विलय सौदा रद्द हो सकता है। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सोनी ग्रुप विलय को रद्द करने की योजना बना रहा है। रिपोर्ट के दावे के मुताबिक सोनी इस पर विलय के बाद बनने वाली कंपनी के सीईओ पुनीत गोएनका के बनने को लेकर विवाद चल रहा है। अब जी ने इस रिपोर्ट को आधारहीन और तथ्यहीन बता दिया है।
Zee-Sony merger: करीब आ गई डेडलाइन
जी और सोनी के बीच का मेगा मर्जर लंबे समय से लटका हुआ है क्योंकि किसी एक समझौते पर अंतिम रूप से बात नहीं बन पा रही है। 21 जनवरी तक एक महीने का ग्रेस पीरियड भी खत्म हो जाएगा। जी के एमडी और सीईओ पुनीत गोएनका ही विलय के बाद बनने वाली कंपनी के सीईओ बनेंगे, इस बात को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। सेबी ने पैसों की हेराफेरी के मामले में जी समेत किसी भी कंपनी में पुनीत गोएनका को मैनेजेरियल पोस्ट संभालने पर रोक लगा दिया है जिस पर सोनी ने चिंता व्यक्त की थी।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक सोनी विलय सौदे को बंद करने के लिए बढ़ी हुई डेडलाइन 20 जनवरी से पहले ही इसके खत्म करने के लिए मुकदमा दायर करने की योजना बना रही थी क्योकि उसकी कुछ शर्तें पूरी नहीं हुई हैं। हालांकि रिपोर्ट में भी दावा किया गया था कि बातचीत अभी भी जारी है और 20 जनवरी से पहले कोई समाधान निकल सकता है।
Zee-Sony merger: कहां से कहां तक पहुंची बात
जी और सोनी के विलय को लेकर सितंबर 2021 की शुरुआत में बातचीत शुरू हुई थी और इस पर दिसंबर 2023 में डेफिनिटिव एग्रीमेंट पर साइन हुए थे। जी और सोनी के बीच 1000 करोड़ डॉलर के विलय को पहले ही भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI), एनएसई और बीएसई, कंपनी के शेयरधारकों और लेनदारों से नियामक मंजूरी मिल चुकी है। पिछले साल अगस्त 2023 में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई बेंच ने भी ZEEL (जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड) और Sony के विलय को मंजूरी दे दी थी।
हालांकि फिर बाद में जब सेबी ने एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद्रा और जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के एमडी-सीईओ पुनीत गोयनका को किसी भी लिस्टेड कंपनी में डायरेक्टर या अहम मैनेजेरियल पोस्ट संभालने से रोक दिया तो विलय को लेकर दिक्कतें आ गईं। सेबी ने यह कार्रवाई कंपनी से फंड मनमानी तरीके से इधर-उधर करने में कार्रवाई की है। सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका ने सेबी के अंतरिम आदेश को सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) में चुनौती दी। अक्टूबर में SAT ने सेबी के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया था।