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Zepto Cafe ने उत्तर भारत के इन सात शहरों में बंद किए अपने 44 स्टोर, सामने आई ये बड़ी वजह

Zepto Cafe की सेवाएं अब दिल्ली-एनसीआर, आगरा, मेरठ, हरिद्वार, गोरखपुर, मोहाली, अमृतसर और गाजियाबाद जैसे शहरों में उपलब्ध नहीं हैं। कुल 44 स्टोर इससे प्रभावित हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि जुलाई से सितंबर की दूसरी तिमाही में सेवाएं फिर से शुरू हो सकती हैं। हांलाकि Zepto की तरफ से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है

अपडेटेड May 23, 2025 पर 8:36 PM
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Zepto ने उत्तर भारत के सात से ज्यादा शहरों में अपनी कैफे सर्विसेज बंद कर दी हैं।

Zepto ने उत्तर भारत के सात से ज्यादा शहरों में अपनी कैफे सर्विसेज बंद कर दी हैं। इसकी वजह है सप्लाई में कमी और कुछ कर्मचारियों का काम पर नहीं आना। Zepto Cafe कंपनी की वह यूनिट है जो कॉफी, चाय, पफ, पिज्जा और दूसरे खाने के आइटम बेचती है। यह सेवा उन ग्राहकों के लिए थी जो आमतौर पर जोमैटो या स्विगी से खाना ऑर्डर करते हैं। फिलहाल कंपनी के लगभग 1,000 स्टोर हैं, लेकिन इसमें से 44 डार्क स्टोर में कैफे सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

मनीकंट्रोल को मिली जानकारी के अनुसार, Zepto Cafe की सेवाएं अब दिल्ली-एनसीआर, आगरा, मेरठ, हरिद्वार, गोरखपुर, मोहाली, अमृतसर और गाजियाबाद जैसे शहरों में उपलब्ध नहीं हैं। कुल 44 स्टोर इससे प्रभावित हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि जुलाई से सितंबर की दूसरी तिमाही में सेवाएं फिर से शुरू हो सकती हैं। हांलाकि Zepto की तरफ से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। दिल्ली-एनसीआर जैसे क्षेत्र कंपनी के लिए खास मायने रखते हैं, क्योंकि यहां ज़ोमैटो और ब्लिंकिट का दबदबा है। ये दोनों ब्रांड इटरनल कंपनी के अधीन हैं।

जानकारी के अनुसार, जब सर्विस बंद की गईं, तो कंपनी ने अपने कई किचन स्टाफ को अन्य स्टोर्स में भेजने की कोशिश की, लेकिन 15 कर्मचारियों ने दूसरी जगह काम करने से इनकार करते हुए नौकरी छोड़ दी।


स्विगी को मिल सकता है फायदा

Zepto Cafe की सर्विस में ये रुकावट ऐसे समय में हुआ है जब ज़ेप्टो, ब्लिंकिट, ज़ोमैटो और स्विगी के बीच बाज़ार में कड़ी प्रतिस्पर्धा चल रही है। क्विक कॉमर्स कंपनियां अब पैक्ड फूड को बेहद कम समय में डिलीवर कर रही हैं, जिससे रेस्तरां से खाना मंगवाने की मांग में कमी आई है। इटरनल कंपनी के सीईओ दीपिंदर गोयल ने 1 मई को कंपनी के नतीजे जारी करते हुए कहा,“इस समय ग्रोथ हमारी उम्मीदों से कम है। क्विक कॉमर्स से पैक्ड फूड की फटाफट डिलीवरी के चलते रेस्तराँ से खाना ऑर्डर करने की संख्या घट रही है।” अगर ज़ेप्टो ने अन्य शहरों में भी कैफ़े सेवाएं बंद कीं या डाउनटाइम और बढ़ा, तो स्विगी और ज़ोमैटो जैसी कंपनियाँ दोबारा बाज़ार में अपनी पकड़ मजबूत कर सकती हैं।

 हर दिन मिलते हैं 1 लाख ऑर्डर

ज़ेप्टो कैफ़े के सीईओ आदित पलिचा ने बताया कि उनकी यूनिट हर दिन करीब 1 लाख ऑर्डर पूरे कर रही है और वे अब लगभग 100 मिलियन डॉलर की सालाना GMV (ग्रॉस मर्चेंडाइज़ वैल्यू) रन-रेट पर पहुंचने वाले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कैफ़े यूनिट का स्थिर सकल लाभ (ग्रॉस मार्जिन) करीब 50 प्रतिशत है। ज़ेप्टो अब केवल फूड डिलीवरी कंपनियों और ब्लिंकिट के बिस्ट्रो से ही नहीं, बल्कि स्विश से भी मुकाबला कर रहा है। हालांकि, स्विश की सेवाएं अभी सिर्फ बेंगलुरु में हैं।

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