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Zerodha का कब तक आएगा IPO? जानें निखिल कामत और नितिन कामत का क्या है कहना

जीरोधा (Zerodha) का इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) लाया जाया या नहीं? जीरोधा के कोफाउंडर और सीईओ नितिन कामत, कोफाउंडर और CFO निखिल कामत और चीफ टेक्नोलॉजिकल ऑफिसर (CTO) कैलाश नाध इन दिनों इस अहम सवाल से जूझ रहे हैं। से पहले कई मौकों पर ये तीनों व्यक्तियों आईपीओ लाने के सवाल पर स्पष्ट तरीके से “नहीं” बोल चुके हैं

अपडेटेड Oct 09, 2024 पर 6:51 PM
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जीरोधा (Zerodha) आज देश की दूसरी सबसे बड़ी स्टॉक ब्रोकिंग फर्म है

जीरोधा (Zerodha) का इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) लाया जाया या नहीं? जीरोधा के कोफाउंडर और सीईओ नितिन कामत, कोफाउंडर और CFO निखिल कामत और चीफ टेक्नोलॉजिकल ऑफिसर (CTO) कैलाश नाध इन दिनों इस अहम सवाल से जूझ रहे हैं। से पहले कई मौकों पर ये तीनों व्यक्तियों आईपीओ लाने के सवाल पर स्पष्ट तरीके से “नहीं” बोल चुके हैं। अभी भी उनका झुकाव इस “नहीं” की ओर बना हुआ है। लेकिन अब कोई भी इस बात से इनकार नहीं कर रहा है कि IPO का रास्ता पूरी तरह से बंद है।

नितिन कामत ने हमारे सहयोगी CNBC-TV18 के साथ एक बातचीत में कहा, “IPO लाने का इकलौता कारण यह हो सकता है कि हम हम इस मामले में सबसे आगे हैं। हम एक स्टॉकब्रोकर हैं और हम हर कंपनी से वेल्थ बनाने के लिए कहते हैं। तो यही कारण हो सकता है। मुझे नहीं लगता कि, कम से कम अभी के लिए, IPO में जाने का कोई और कारण है।”

उनके भाई निखिल कामत ने इस बात को स्वीकार किया कि इस तेजी के दौर में, IPO का पागलपन निवेशकों और कंपनियों दोनों को अपनी ओर खींच रहा है। हालांकि वे अभी इस सवाल पर असमंजस में हैं और उनका एक पैर "नहीं" की तरफ झुका हुआ है। उन्होंने कहा, " IPO लाने के पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ लगभग बराबर दलीलें हैं। मेरे लिए यह सवाल 50:50 का है, लेकिन फिलहाल मैं IPO की तरफ कम झुका हुआ हूं।"


IPO क्यों नहीं?

जीरोधा ने पिछले 14 सालों में बिना किसी वेंचर कैपिटल या एंजल इनवेस्टमेंट के खुद को एक बड़े खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है। यह आज देश की दूसरी सबसे बड़ी स्टॉक ब्रोकिंग फर्म है। इसने ICICI सिक्योरिटीज, HDFC सिक्योरिटीज और कोटक सिक्योरिटीज जैसे बड़े खिलाड़ियों को भी पीछे छोड़ दिया है।

कंपनी के सीटीओ कैलाश नाध भी कंपनी को पब्लिक करने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा, "मैं आईपीओ नहीं लाने के पक्ष में हूं। लेकिन फिर भी, मुझे फाइनेंस की अधिक जानकारी नहीं है। मेरी बेसिक जानकारी कहती है कि कोई कंपनी आईपीओ क्यों लाती है? अगर वह पूंजी जुटाने के लिए लाती है, तो शुक्र है, हमें अभी पूंजी की आवश्यकता नहीं है। किसी निवेशक का दबाव नहीं रहने से हम अधिक स्वतंत्रता के साथ इनोवेशन और फैसले कर पाते हैं। यह हमारी प्रॉसेस में भी झलकता है।"

निखिल भी सहमत हैं और मानते हैं कि अगर कंपनी पब्लिक हो जाती है, तो उन्हें बहुत कुछ कहने की स्वतंत्रता नहीं रहेगी। उन्होंने कहा, "एक लिस्टेड कंपनी के रूप में, नितिन उतनी खुलकर बातें नहीं कर सकते जितना वे अब ट्विटर पर करते हैं। इसलिए IPO जरूरी नहीं है कि विश्वास बनाने का एकमात्र तरीका हो।”

SEBI का नियम कर सकता है मजबूर

हालांकि कामत ने संकेत दिया कि अगर SEBI ने बहुत बड़े ब्रोकरों को लिस्ट करने के लिए कहा, तो Zerodha को मजबूरन IPO करना पड़ सकता है।

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