F&O से जुड़ी सर्विस में आगे रहने की वजह से फिलहाल बनी रहेगी Zerodha की बादशाहत

डिस्काउंट ब्रोकिंग फर्म ग्रो यूजर्स की संख्या के मामले में जल्द ही जेरोधा से आगे निकलने को तैयार है। हालांकि, जेरोधा का फोकस ट्रेडिंग कम्युनिटी पर है, जिससे कंपनी निकट भविष्य में रेवेन्यू और प्रॉफिट के मामले में देश का सबसे बड़ा इक्विटी इनवेस्टमेंट ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बना रहेगा। वित्त वर्ष 2022-23 में जेरोधा का नेट प्रॉफिट 39 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 2,907 करोड़ रुपये था

अपडेटेड Sep 27, 2023 पर 7:14 PM
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अगर ग्रो को जेरोधा की तरह अपना रेवेन्यू बढ़ाना है, तो उसे फ्यूचर एंड ऑप्शंस में अगले बूम साइकल का इंतजार करना होगा।

डिस्काउंट ब्रोकिंग फर्म ग्रो (Groww) यूजर्स की संख्या के मामले में जल्द ही जेरोधा (Zerodha) से आगे निकलने को तैयार है। हालांकि, जेरोधा का फोकस ट्रेडिंग कम्युनिटी पर है, जिससे कंपनी निकट भविष्य में रेवेन्यू और प्रॉफिट के मामले में देश का सबसे बड़ा इक्विटी इनवेस्टमेंट ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बना रहेगा। वित्त वर्ष 2022-23 में जेरोधा का नेट प्रॉफिट 39 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 2,907 करोड़ रुपये था।

जेरोधा ने वित्त वर्ष 2022 और 2021 में जो ग्रोथ हासिल की थी, उसके मुकाबले पिछले फाइनेंशियल ईयर के दौरान ग्रोथ में काफी गिरावट हुई। हालांकि, इस ग्रोथ को इस लिहाज से बेहतर कहा जा सकता है कि पिछले फाइनेंशियल ईयर के दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में एक्टिव रिटेल कस्टमर्स की संख्या में गिरावट हुई है। पिछले फाइनेंशियल ईयर के आखिर में एक्टिव क्लाइंट्स की संख्या 3.7 करोड़ थी, जो इस साल घटकर 3.2 करोड़ हो गई है।

एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में जेरोधा का यूजर बेस 65 लाख पर स्थिर रहा और इस साल अगस्त तक घटकर यह 64 लाख पर पहुंच गया था, जबकि ग्रो (Groww)का यूजर बेस पिछले वित्त वर्ष के 41 लाख से बढ़कर इस साल अगस्त में 62 लाख हो गया। यूजर्स की संख्या के मामले में ग्रो जल्द ही जेरोधा से आगे निकल सकती है।


जेरोधा ने 26 सितंबर को अपने ऑपरेशन के 13 साल पूरे किए हैं। इस मौके पर कंपनी के को-फाउंडर और सीईओ नितिन कामत ने कंपनी की वेबसाइट पर लिखा कि नई डिस्काउंट ब्रोकिंग फर्मों से जबरदस्त कॉम्पिटिशन के बावजूद कंपनी ऑनबोर्डिंग और मेंटेनेंस चार्ज लेना जारी रखेगी। जेरोधा के 64 लाख एक्टिव कस्टमर्स से मिलने वाले एकाउंट ओपनिंग और सालाना मेटेनेंस चार्ज से किसी फाइनेंशियल ईयर में कंपनी को सिर्फ 200 करोड़ रुपये मिलेंगे।

भारत में तकरीबन 12 करोड़ डीमैट खाते हैं और इनमें से सिर्फ 30-45 लाख एक्टिव यूजर्स हैं, जो इंट्रा-डे इक्विटी और फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में कारोबार करते हैं। ज्यादातर डिस्काउंट ब्रोकर्स अपनी कुल कमाई का दो तिहाई हिस्सा इन ट्रेडर्स से हासिल करते हैं। जेरोधा के मामले में यह आंकड़ा 90 पर्सेंट है, क्योंकि यह इक्विटी डिलीवरी का कोई चार्ज नहीं लेती है।

ग्रो और अपरस्टॉक्स के फाइनेंशियल ईयर 2023 के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन फाइनेंशियल ईयर 2022 में इन कंपनियों का रेवेन्यू जेरोधा के मुकाबले सिर्फ 10 पर्सेंट और 20 पर्सेंट था। फाइनेंशियल ईयर 2022 में ग्रो और अपरस्टॉक्स का रेवेन्यू क्रमशः 427 करोड़ और 766 करोड़ रुपये रहा। बहरहाल, मौजूदा फाइनेशियल ईयर में जेरोधा का रेवेन्यू स्थिर रह सकता है, जबकि पिछले 18 महीने में इसकी यूजर ग्रोथ भी स्थिर रही है। ग्रो और एंजेल जैसे प्रतिस्पर्धी तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि, जेरोधो और उसकी प्रतिस्पर्धी कंपनियों के बीच रेवेन्यू और प्रॉफिट का अंतर काफी ज्यादा है। अगर ग्रो को जेरोधा की तरह अपना रेवेन्यू बढ़ाना है, तो उसे फ्यूचर एंड ऑप्शंस में अगले बूम साइकल का इंतजार करना होगा।

MoneyControl News

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First Published: Sep 27, 2023 7:08 PM

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