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Bamboo Revolution in India:चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक, जानें बंबू इंडस्ट्री कैसे बन रही भारत की नई आर्थिक ताकत

Bamboo Revolution in India: भारतीय बंबू बाजार काफी तेजी से बढ़ रहा है। इसमें लोगों को आर्थिक तौर पर मजबूती प्रदान करने साथ ही पर्यावरण को लाभ पहुंचाने की अपार क्षमता है। सरकारी समर्थन और कंज्यूमर्स के जागरूक होने की वजह से आने वाले दिनों में बंबू से जुड़े उद्योगा का तेजी से विकास होने की उम्मीद है

अपडेटेड Sep 20, 2025 पर 11:04 AM
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चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। देश में लगभग 14 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में बांस उगाया जाता है।

Bamboo Revolution in India: भारतीय बंबू बाजार काफी तेजी से बढ़ रहा है। इसमें लोगों को आर्थिक तौर पर मजबूती प्रदान करने साथ ही पर्यावरण को लाभ पहुंचाने की अपार क्षमता है। सरकारी समर्थन और कंज्यूमर्स के जागरूक होने की वजह से आने वाले दिनों में बंबू से जुड़े उद्योगा का तेजी से विकास होने की उम्मीद है। बंबू ग्रीन गोल्ड के नाम से भी जाना जाता है।

चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। देश में लगभग 14 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में बांस उगाया जाता है। पूर्वोत्तर राज्यों में सबसे ज्यादा उत्पादन होता है। असम, मणीपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में सबसे ज्यादा बांस प्लांटेशन किया जाता है। भारत में बांस की करीब 136 प्रजातियां है। फर्नीचर, हैंडीक्राफ्ट, पेपर, अगरबत्ती, कंस्ट्रक्शन में इसका इस्तेमाल होता है।

सरकार ने NBM यानी नेशनल बंबू मिशन की शुरुआत की । NBM का मकसद खेती और वैल्यू एडिशन को बढ़ावा देना है। बांस अब “ग्रीन गोल्ड” के नाम से भी जाना जाता है। बांस किसानों के लिए आय का नया जरिया बना। बांस आधारित बायो-एथेनॉल और चारकोल पर भी रिसर्च जारी है। बांस उद्योग ग्रामीण रोजगार का एक अहम हिस्सा हो चला है।


भारत में बांस का सालाना उत्पादन 32.3 लाख टन है जबकि ग्लोबल उत्पादन में भारत का हिस्सा 40% है। पेड़ों की तुलना में बांस 35% अधिक ऑक्सीजन छोड़ता है। 35% अधिक कार्बन डाईऑक्साइड भी सोखता है। दिन के समय भी कार्बन डाईऑक्साइड खींचता है।

पर्यावरण के लिए बांस 'हरा सोने' है। 1-5 साल में कटाई के लिए तैयार हो जाता है। लकड़ी का सस्ता और अच्छा विकल्प है। 35% अधिक कार्बन डाईऑक्साइड सोखता है।बांस हर रोज 1-3 मीटर तक बढ़ जाता है। इस्तेमाल के बाद कचरा नहीं बचता है। खाद, कीटनाशक की जरूरत नहीं होती। मिट्टी के संरक्षण में भी मददगार होता है।

बंबू इंडस्ट्री और इससे जुड़ी संभावनाओं पर विस्तार से बात करते हुए Amwoodo के Founder & Director अग्नि मित्रा ने कहा कि हमारी कंपनी ने बंबू से एक टाइम यूज वाले प्रोडक्ट पर फोकस किया । देश में बंबू का ग्रोथ नॉर्मल ट्री से 5 गुना ज्यादा है यहीं कारण है कि पेपर के लिए कटने वाले पेड़ों का रिप्लेसमेंट हमने बंबू से किया। हमारी कंपनी बंबू से बने टिशू पेपर बेचती है। बंबू के टिशू पेपर से हमने काफी बड़े ब्रैंड को ओवरटेक किया है। कंज्यूमर "एनवायरमेंट फ्रेंडली" हो रहे है। यहीं कारण है कि इंडस्ट्रीज में पहले की तुलना में अब बढ़ रही है।

(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

MoneyControl News

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First Published: Sep 20, 2025 11:04 AM

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