सस्ती हुई कॉफी, कीमतें 25% तक घटीं, जानिए क्या है दाम गिरने की वजह

कॉफी की कीमतों में 25 प्रतिशत की गिरावट से वैश्विक कॉफी बाजार में स्थिरता आने लगी है। बेहतर उत्पादन और आपूर्ति के चलते मार्केटर्स को राहत मिली है, जबकि उपभोक्ताओं को भी जल्द ही कॉफी के दामों में कमी देखने को मिल सकती है। हालांकि, मौसम और अन्य वैश्विक कारकों पर नजर बनाए रखना जरूरी होगा ताकि भविष्य में किसी भी अप्रत्याशित बदलाव के लिए तैयार रहा जा सके।

अपडेटेड Jul 03, 2025 पर 7:39 PM
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Coffee Price Crash: इंटरनेशनल मार्केट में कॉफी की कीमतों में गिरावट आई है

2025 की शुरुआत में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची कॉफी की कीमतें अब लगभग 25 प्रतिशत गिर गई हैं, जिससे कॉफी मार्केटर्स और ब्रांडेड कंपनियों को बड़ी राहत मिली है। इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण बेहतर उत्पादन की उम्मीदें और वैश्विक आपूर्ति में सुधार को माना जा रहा है।

कीमतों का हाल और गिरावट का कारण

अंतरराष्ट्रीय कॉफी संगठन (ICO) के अनुसार, मई 2025 में कॉफी का औसत मूल्य 334.41 सेंट प्रति पाउंड रहा, जो अप्रैल के मुकाबले 0.4% कम है। हालांकि, यह कीमत मई 2024 की तुलना में अभी भी 60.5% अधिक है। लेकिन अप्रैल 2025 में कॉफी की कीमतें $4.11 प्रति पाउंड के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई थीं, जिसके बाद लगातार गिरावट देखने को मिली है। जून के मध्य तक ICE कॉफी C फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट की कीमतें लगभग $3.25 प्रति पाउंड तक आ गईं, जो जनवरी के बाद सबसे निचला स्तर है।


इस गिरावट के पीछे सबसे बड़ा कारण ब्राजील और वियतनाम में बेहतर फसल की उम्मीदें हैं। ब्राजील, जो दुनिया का सबसे बड़ा अरबीका कॉफी उत्पादक है, की फसल में 2025/26 में 0.5% की बढ़ोतरी होने का अनुमान है, जबकि वियतनाम की रोबस्टा कॉफी उत्पादन में 6.9% की वृद्धि की उम्मीद है। इन दोनों देशों में अच्छी बारिश और मौसम की अनुकूल परिस्थितियों ने उत्पादन बढ़ाने में मदद की है।

वैश्विक उत्पादन और मांग का संतुलन

2023-24 में वैश्विक कॉफी उत्पादन लगभग 170 मिलियन बैग था, जो 2024-25 में बढ़कर 173 मिलियन बैग होने का अनुमान है। हालांकि, यह स्तर 2020-21 के मुकाबले अभी भी कम है। पिछले कुछ वर्षों में खराब मौसम और सूखे के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ था, लेकिन अब बेहतर मौसम के चलते उत्पादन में सुधार हो रहा है।

अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) की रिपोर्ट के अनुसार, ब्राजील और वियतनाम के अलावा कई अन्य कॉफी उत्पादक देशों में भी उत्पादन में वृद्धि होने की संभावना है, जिससे बाजार में आपूर्ति बढ़ेगी और कीमतों पर दबाव बनेगा।

ब्रांडेड कंपनियों को मिली राहत

कॉफी की कीमतों में गिरावट से नेस्ले इंडिया, हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL), टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स जैसी बड़ी कंपनियों को लाभ होगा। इन कंपनियों के लिए कॉफी कच्चा माल महंगा होने के कारण लागत बढ़ गई थी, जिससे उनके ब्रांडेड कॉफी उत्पादों की कीमतें बढ़नी पड़ी थीं। अब कीमतों में गिरावट से वे अपनी लागत नियंत्रण में रख पाएंगी और उपभोक्ताओं को बेहतर दाम पर उत्पाद उपलब्ध करा सकेंगी।

भविष्य की संभावनाएं

विशेषज्ञों का मानना है कि कॉफी की कीमतें आने वाले 12 से 15 महीनों में $2 से $2.50 प्रति पाउंड के बीच स्थिर हो सकती हैं। हालांकि, मौसम संबंधी जोखिम जैसे ब्राजील में कम बारिश या अत्यधिक गर्मी उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं और कीमतों में उतार-चढ़ाव ला सकते हैं।

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