सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स’ एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) और FOSFA इंटरनेशनल के बीच करार किया। ग्लोबल सहयोग का बढ़ाने के लिए करार हुआ। ट्रेड सहयोग बढ़ाना भी करार का उद्देश्य है। इस समझौते का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर सहयोग बढ़ाना, तेल-बीज-वसा क्षेत्र में व्यापार को और मजबूत बनाना तथा उद्योग से जुड़े ज्ञान और अनुभव का आदान-प्रदान तेज करना है।
यह एमओयू SEA के अध्यक्ष संजय अस्थाना और FOSFA इंटरनेशनल के अध्यक्ष सैंटियागो विस्का द्वारा औपचारिक रूप से साइन किया गया। SEA भारत के वनस्पति तेल एवं तिलहन उद्योग का बड़ा प्रतिनिधि संगठन है, जबकि FOSFA वैश्विक व्यापार मानकों, मध्यस्थता और उद्योग संचालन में एक प्रमुख प्राधिकरण माना जाता है।
ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप बनाकर काम किया जाएगा। रिसर्च और स्किल डेवलपमेंट काम होगा। इंडस्ट्री की परेशानियों का हाल निकालने पर भी काम होगा। साल में दो बार दोनों संस्थाओं के प्रतिनिधि मिलेंगे। काम की समीक्षा और आगे की रणनीति पर विचार करेंगे।
पाम का इंपोर्ट कम, सोयाबीन ऑयल का रिकॉर्ड इंपोर्ट हुआ है। पहले 60 फीसदी पाम, 40 फीसदी सॉफ्ट ऑयल का इंपोर्ट होता था। देश में कोल्ड प्रेस ऑयल की मांग लगातार बढ़ रही है।
उन्होने कहा कि दाम कम होने से देश में पाम का इंपोर्ट घटा है। सरकार के ड्यूटी बढ़ाने से RBD पामोलीन का इंपोर्ट बंद हुआ। देश खाने के तेल का इंपोर्ट नेपाल से कर रहा है।