Copper Price: लंदन मेटल एक्सचेंज के वेयरहाउस से स्टॉक निकालने की रिक्वेस्ट 2013 के बाद सबसे ज़्यादा बढ़ी है। यहीं वजह है कि कॉपर की कीमतें कॉपर रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब पहुंच गई है। एक्सचेंज के डेटा से एशियाई वेयरहाउस में कॉपर के ऑर्डर में बढ़ोतरी दिखने के बाद कीमतें 1.7% बढ़कर $11,333 प्रति टन हो गई, जो सोमवार को रिकॉर्ड ऊंचाई से महज $1 कम है।
हाल के हफ़्तों में बढ़त इस अंदाज़े से हुई है कि ट्रेडर्स मेटल की बड़ी मात्रा को US भेजकर संभावित इंपोर्ट टैरिफ से बचने के लिए कमी की स्थिति पैदा कर सकते हैं।
इंडोनेशिया से लेकर चिली और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो तक कई बिना प्लान के माइनिंग में रुकावटों के बाद इस साल पूरे कॉपर मार्केट में सप्लाई की दिक्कतें हावी रहीं। चीनी स्मेल्टर और माइनर्स 2026 के लिए सप्लाई बातचीत में फंसे हुए हैं जो मुश्किल साबित हो रही है क्योंकि बातचीत में माइनर्स का पलड़ा भारी है।
इन्वेस्टर्स इस हफ़्ते आने वाले US डेटा का भी इंतज़ार कर रहे हैं, जिसमें प्राइवेट सेक्टर में रोज़गार, इंपोर्ट की कीमतें और इंडस्ट्रियल आउटपुट पर रिपोर्ट शामिल हैं, जो बुधवार को एजेंडा में शामिल हैं।
LME पर लोकल टाइम सुबह 9:33 बजे कॉपर 1.7% बढ़कर $11,329.50 प्रति टन हो गया, जिससे इस साल का फ़ायदा लगभग 29% हो गया। एल्युमिनियम 0.9% और ज़िंक 0.7% बढ़ा।