Mustard Oil: देश में सरसों की बुआई पिछले साल की तुलना में 4 फीसदी बढ़ी है। बाजार जानकार सरसों की आवक अच्छी रहने की साथ ही इसकी खपत भी बेहतर रहने की उम्मीद जता रहे है। सीएनबीसी-आवाज से बातचीत में MOPA के ज्वाइंट सेक्रेटरी अनिल चत्तर ने कहा कि सरसों पूरे साल MSP के ऊपर बिकी। उसके बाद सरकार ने 2025 की MSP में 250 रुपये का इजाफा भी किया है। फसल इस साल अच्छे रहने का अनुमान है। पिछले साल के तुलना में सरसों की बुआई 4 फीसदी बढ़ी है। 115-120 लाख टन सरसों के फसल की उम्मीद है।
1 दिसंबर के लिए 123 लाख टन का स्टॉक है। 8 लाख की क्रसिंग हो रही है। सरसों के खल,सरसों का तेल, सरसों के तेल रहित केक (डीओसी) तीनों में डिमांड बनी हुई है।
आने वाले 2-3 महीनो में सरसों की मांग कैसे रह सकती है इसपर बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश में 3.5-4 लाख टन सरसों तेल की सालाना खपत है। सर्दियों में सरसों की खपत बढ़ जाती है। कीमतों में मंदी कहीं नहीं नजर आ रही है। सरसों का तेल 20-21 रुपये प्रति किलो प्रीमियम पर बिक रहा है।
अनिल चत्तर ने कहा कि कोविड के बाद से हर साल कच्ची घनी की मांग 10-15 फीसदी बढ़ रही है। आने वाले समय में डिमांड में और बढ़त की उम्मीद है।
सरसों के स्टॉक की बात करें तो 30 नवंबर 2025 तक सरसों का स्टॉक 23 मीट्रिक टन है जिसमें से किसानों के पास 13.50 लाख मीट्रिक टन स्टॉक है जबकि प्रोसेसर, स्टॉकिस्ट के पास 4.00 लाख मीट्रिक टन, NAFED/HAFED के पास 5.50 लाख मीट्रिक टन स्टॉक है।
1 मार्च 2025 तक देश में सरसों का ओपनिंग स्टॉक 1.00 लाख मीट्रिक टन है जिसमें आवक (30 नवंबर 2025) 96.75 लाख मीट्रिक टन रही। NAFED/HAFED की खरीद 9.75 लाख मीट्रिक टन और NAFED/HAFED की बिक्री 11.25 लाख मीट्रिक टन रही। पेराई (30 नवंबर 2025) 95.25 लाख मीट्रिक टन रही।