इंटरनेशनल मार्केट में कॉटन के दाम 3 हफ्तों की ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। ICE फ्यूचर्स 3 हफ्तों की ऊंचाई पर पहुंचा है। डॉलर में कमजोरी से कॉटन की कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। US में दरें घटने की उम्मीद से तेजी आई है। आज फेड ब्याज दरों पर फैसला लेगा । बाजार को दरें 0.25% घटने की उम्मीदहै। US में 52% फसल की क्वालिटी बहुत अच्छी है।
इंटरनेशनल मार्केट में कॉटन की चाल पर नजर डालें तो 1 हफ्ते में कॉटन में 1 फीसदी की बढ़त देखने को मिला। जबकि 1 महीने में इसमें 0.35 फीसदी की गिरावट रही। वहीं जनवरी 2025 से अब तक कॉटन की कीमतें 3 फीसदी गिरी है । जबकि 1 साल में इसमें 5 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
देश में कॉटन के उत्पादन आंकड़ों पर नजर तो 12 सितंबर 2024-25 को देश में 112.00 लाख हेक्टेयर में कॉटन उत्पादन हुआ था। जबकि 12 सितंबर 2025-26 तक 109.64लाख हेक्टेयर में कॉटन उत्पादन हुआ है।
ChartNTrade.com के फाउंडर विकास बागड़िया ने कहा कि टेक्निकल चार्ट पर कॉटन पर बेस बनता नजर आ रहा है । कॉटन में मौजूदा स्तर से 2-3 फीसदी का मूव देखने को मिल सकता है। ब़ॉटम लाइन पर यहां से 100-150 अंकों की गिरावट आ सकती है।
Cotton Association of India (CAI) के प्रेसिडेंट अतुल गनात्रा ने कहा कि ब्राजील का कॉर्प काफी बढ़ा है। ब्राजील की घरेलू खपत काफी कम है, यूएस को ब्राजील काफी कम भाव पर माल बेच रहा है जिसका असर ICE फ्यूचर्स पर आता है। ICE फ्यूचर्स रेंजबाउंड कारोबार कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि जब तक ICE फ्यूचर्स में तेजी नहीं आती तब तक भारतीय बाजार में भी तेजी की उम्मीद नजर नहीं आती । हालांकि माल की शॉर्टेज होती नजर नहीं आ रही है।
सरकार के 31 दिसंबर तक ड्यूटी फ्री इंपोर्ट को मंजूरी देने के बाद से देश में कॉटन की क्या है स्थिती पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर तक 15 -20 लाख बेल्स के इंपोर्ट होने की उम्मीद है। वहीं CCI के पास 30-35 लाख बेल्स स्टॉक मौजूद है और किसानों के पास पुराने माल बिक गए है। नए कॉर्प की आवक भी शुरु हो गई है