Gems and jewellery exports: जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) के आंकड़ों के अनुसार मजबूत घरेलू और विदेशी मांग के कारण, भारत के रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में सितंबर 2025 में सुधार के संकेत दिखाई दिए।
सितंबर में रत्न एवं आभूषणों का कुल ग्रॉस एक्सपोर्ट 2,914.29 मिलियन डॉलर (₹25,737.50 करोड़) तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष इसी महीने के 2,735.26 मिलियन डॉलर (₹22,925.81 करोड़) से 6.55% अधिक है। रुपये के संदर्भ में यह वृद्धि 12.26% रही।
विश्लेषकों ने इस वृद्धि का श्रेय त्योहारी और शादी-ब्याह के मौसम की मांग, विदेशी बाजारों में सुधार और शिल्प कौशल एवं डिज़ाइन नवाचार के लिए भारत की निरंतर प्रतिष्ठा को दिया।
ग्रॉस इंपोर्ट भी बढ़कर 1,669.80 मिलियन डॉलर (₹14,750.29 करोड़) हो गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10.84% अधिक है, जो घरेलू त्योहारों और शादियों के मौसम के लिए निर्माताओं और आभूषण विक्रेताओं की तैयारियों को दर्शाता है।
वैश्विक स्तर पर सोने की स्थिर कीमतों और कमजोर रुपये ने आयात में वृद्धि में योगदान दिया।
कटे और पॉलिश किए हुए हीरे: एक्सपोर्ट 5.91% बढ़कर 1,368.04 मिलियन डॉलर (₹12,079.91 करोड़) हो गया, जबकि आयात 1.2% घटकर 124.79 मिलियन डॉलर (₹1,101.73 करोड़) रह गया। पश्चिमी बाज़ारों में त्योहारी सीज़न की मांग और अनुकूल मुद्रा विनिमय दरों से निर्यात वृद्धि को बल मिला।
रफ डायमंड : अप्रैल-सितंबर 2025 के लिए इंपोर्ट 5.25% बढ़कर 6,066.23 मिलियन डॉलर (₹52,360.37 करोड़) हो गया।
पॉलिश लैब- ग्रोन डायमंड : एक्सपोर्ट 10.62% घटकर 107.64 मिलियन डॉलर (₹950.91 करोड़) रह गया, जिसका एक कारण त्योहारी सीज़न के दौरान सोने की बढ़ी हुई मांग भी थी।
गोल्ड ज्वेलरी: मध्य पूर्व और अमेरिका जैसे प्रमुख बाज़ारों में मांग के कारण निर्यात 2.4% बढ़कर 1,092.0 मिलियन डॉलर (₹9,646.89 करोड़) हो गया।
प्लेटिनम ज्वेलरी: नए डिज़ाइनों, पुरुषों के आभूषणों की बढ़ती लोकप्रियता और अंतराष्ट्रीय खुदरा विक्रेताओं की मांग के कारण निर्यात 25.37% बढ़कर 106.54 मिलियन डॉलर (₹922.32 करोड़) हो गया।
Coloured gemstones: एक्सपोर्ट 0.75% की मामूली वृद्धि के साथ 236.66 मिलियन डॉलर (₹2,053.91 करोड़) हो गया।
इस क्षेत्र के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए, कामा ज्वेलरी के प्रबंध निदेशक कॉलिन शाह ने कहा कि उद्योग को मौसमी मांग, प्लैटिनम जैसी वैकल्पिक धातुओं में विविधता और पर्यावरण-अनुकूल एवं विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए आभूषणों में बढ़ती रुचि से लाभ हुआ है।उन्होंने कहा कि आगामी शादी-ब्याह और त्योहारों के मौसम में सोने और हीरे के आभूषणों की घरेलू मांग बढ़ने की उम्मीद है।
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने हाल ही में रत्न एवं आभूषण नीति 2025 को मंज़ूरी दी है, जिसका उद्देश्य वैश्विक आभूषण बाज़ार में राज्य की स्थिति को मज़बूत करना है, जिससे इस क्षेत्र को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
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