Commodity Market: इंटरनेशनल मार्केट में चावल की कीमतों में लगातार लो बनते दिखे है। जिस तरह से हायर प्रोडक्शन, हायर इन्वेंट्री , हायर क्लोजिंग स्टॉक्स की बात अब की जा रही है उससे चावल की कीमतों पर कितना असर पड़ सकता है। इसी पर बात करते हुए IREF के प्रेसिडेंट डॉ. प्रेम गर्ग ने कहा कि चावल की कीमतें काफी नीचे जा रही थी जो फिलहाल स्थिर हुई है। इंटरनेशनल मार्केट में चावल की कीमतें स्थिर हो रही है।
उन्होने कहा कि नॉन बासमती की डिमांड अचानक बढ़ी है। भारत में चवाल की खरीदारी बढ़ी है। जिससे चावल की कीमतों में तेजी लौट रही है। इंटरेशनल मार्केट में भी कीमतों में उछाल देखने को मिल रही है। उबले चावल की कीमतों में भी तेजी आई है। उन्होंने आगे कहा कि फेस्टिव सीजन की बात करें तो फेस्टिव सीजन में बासमती चावल में डिमांड दिख रही है।
उन्होंने कहा कि त्योहारी मांग का असर भी बासमती चावल पर दिख रहा है । दिवाली के मौके पर गिफ्ट देने के लिए 5 किलो के बासमती चावल के पैकेट की मांग बढ़ जाती है। आगे कीमतों में उछाल की पूरी संभावनाएं बनी हुई है।
नॉन- बासमती चावल की कीमतों में 10 फीसदी तक का उछाल संभव है। हालांकि नवंबर के अंत में उबले चावल के दाम में थोड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है। इस साल चावल की खेती काफी अच्छी हुई है। अक्टूबर के अंत में बासमती चावल के फसल की कटाई होगी। अच्छी फसल की उम्मीद है।
मूंगफली, सरसों के तेल की मांग काफी अच्छी
Gulab Oils के डायरेक्टर Dishith Nathwani ने कहा कि त्योहारों के मद्देनजर खाने के तेल की मांग ज्यादा है। मूंगफली, सरसों के तेल की मांग काफी अच्छी है। पहले दिसंबर , जनवरी में तिलहन की मांग बढ़ती है। काने के तेल की मांग पूरे साल अच्छी बनी रहती है। उन्होंने आगे कहा कि 5 सालों से कंपनी नए प्रोडक्ट लॉन्च कर रही है। लोग छोटे पैक की मांग ज्यादा कर रहे हैं। क्विक कॉमर्स के कारण भी मांग को सपोर्ट मिल रहा है।
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