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Gold Price: डॉलर में तेजी से वैश्विक स्तर पर धीमी पड़ी सोने की उड़ान, आगे कैसी रह सकती है चाल; क्या करें निवेशक

Gold Price: इस हफ्ते सोने की ग्लोबल कीमतों में 2.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अमेरिकी शटडाउन को लेकर अनिश्चितता और फेडरल रिजर्व की पॉलिसी को लेकर अनुमान निगेटिव दबाव को सीमित कर सकते हैं। ब्रॉडर फंडामेंटल्स के बरकरार रहने के कारण सोने का लॉन्ग टर्म आउटलुक पॉजिटिव बना हुआ है

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Oct 03, 2025 पर 5:13 PM
Gold Price: डॉलर में तेजी से वैश्विक स्तर पर धीमी पड़ी सोने की उड़ान, आगे कैसी रह सकती है चाल; क्या करें निवेशक
अमेरिकी शट डाउन को लेकर अनिश्चितता और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों से सोने को अभी भी अच्छा सपोर्ट मिल रहा है।

देश के अंदर शुक्रवार को सोने की कीमतों में गिरावट है। वैश्विक बाजारों की बात करें तो ये लगभग फ्लैट लेवल हैं। रॉयटर्स के मुताबिक, न्यूयॉर्क में हाजिर सोने का भाव 3,859.69 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर रहा। गुरुवार को कीमत ने 3896.49 डॉलर का रिकॉर्ड हाई देखा था। वायदा कारोबार में दिसंबर डिलीवरी वाला यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 0.4 प्रतिशत बढ़कर 3,883 डॉलर पर पहुंच गया है। इस हफ्ते सोने की ग्लोबल कीमतों में 2.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में और कटौती की उम्मीद, अमेरिकी सरकार के कामकाज ठप होने और कमजोर डॉलर ने सोने की इंटरनेशनल खरीद को बढ़ावा दिया। अमेरिका से कमजोर श्रम आंकड़ों ने फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों को बल दिया। अमेरिकी सीनेट मंगलवार (30 सितंबर) को फंडिंग एक्सटेंशन को पास करने में विफल रही, जिससे फेडरल शटडाउन की आशंका बढ़ गई है।

सोने की घरेलू कीमतों को भारत के अंदर फेस्टिव डिमांड, घरेलू शेयर बाजारों की निराशा जैसे डोमेस्टिक फैक्टर्स ने बूस्ट दिया। इन सब कारणों से सेफ एसेट के तौर पर सोने की डिमांड और बढ़ी।

2 फैक्टर्स से गोल्ड को अभी भी अच्छा सपोर्ट

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