देश और विदेश में गोल्ड में 19 सितंबर को तेजी लौट आई। यह सोने में लगातार तेजी का पांचवां हफ्ता है। स्पॉट गोल्ड 0.2 फीसदी चढ़कर 3,650.89 डॉलर प्रति औंस था। गोल्ड फ्यूचर्स 0.1 फीसदी की मजबूती के साथ 3,683 डॉलर प्रति औंस था। इस हफ्ते विदेशी बाजार में गोल्ड करीब 0.2 फीसदी चढ़ा। इधर, इंडिया में भी गोल्ड फ्यूचर्स में तेजी दिखी। कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में गोल्ड फ्यूचर्स दिन में 3:11 बजे 281 रुपये यानी 0.26 फीसदी चढ़कर 1,09,333 रुपये प्रति 10 ग्राम था।
गोल्ड में तेजी का ट्रेंड जारी रहने के आसार
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक Federal Reserve के इंटरेस्ट रेट्स में कमी करने की उम्मीद से Gold चढ़ रहा था। फेड ने 17 सितंबर को इंटरेस्ट रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कमी की। इसके बाद इंडिया में 18 सितंबर को गोल्ड में थोड़ी मुनाफावसूली देखने को मिली। लेकिन, 19 सितंबर को सोने में तेजी लौट आई। फेडरल रिजर्व ने आगे भी इंटरेस्ट रेट में कमी करने के संकेत दिए हैं। इसका मतलब है कि गोल्ड में तेजी का रुख जारी रह सकता है।
तेजी के बीच समय-समय पर दिख सकती है मुनाफावसूली
नेमो डॉट मनी के चीफ मार्केट एनालिस्ट हान तेन ने कहा, "बुलियन में तेजी की सबसे बड़ी वजह फेडरल रिजर्व पॉलिसी का आउटलुक रहा है। हालांकि, दुनिया के कई देशों के केंद्रीय बैंकों के गोल्ड खरीदने का भी असर इसकी कीमतों पर पड़ा है। गोल्ड 3,600 डॉलर से नीचे जाता है तो भी वह थोड़े समय के लिए ही इस लेवल के नीचे रहेगा।" एक्सपर्ट्स का कहना है कि लगातार तेजी के बाद बीच-बीच में गोल्ड में मुनाफावसूली दिख सकती है। इससे कीमतों पर थोड़े समय के लिए दबाव बन सकता है।
अगले साल सितंबर तक 4300 डॉलर तक पहुंच सकता है गोल्ड
विजडम ट्री के कमोडिटी स्ट्रेटेजिस्ट नितेश शाह ने कहा, "गोल्ड में तेजी की एक वजह डॉलर में कमजोरी रही है। इस ट्रेंड के जारी रहने का अनुमान है। ऐसे में गोल्ड में बड़ी तेजी आ सकती है। अगले साल सितंबर तक गोल्ड की कीमत 4,300 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है।" आम तौर पर इंटरेस्ट रेट घटने के मौहाल में गोल्ड की चमक बढ़ जाती है। इस हफ्ते गोल्ड 3,707.40 डॉलर प्रति औंस की रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था। 2025 में गोल्ड करीब 39 फीसदी चढ़ चुका है। इंडिया में फिजिकल गोल्ड तो इस हफ्ते 10 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गया।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि त्योहारों के दौरान आप गोल्ड में इनवेस्ट कर सकते हैं। इंडिया में धनतेरस और दिवाली पर बुलियन (सोना-चांदी) खरीदना शुभ माना जाता है। आपके इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में 5-10 फीसदी गोल्ड होना चाहिए। अगर आप फिजिकल गोल्ड यानी गोल्ड ज्वेलरी या कॉइन में इनवेस्ट करना चाहते हैं तो हर गिरावट के मौके का इस्तेमाल आपको खरीदारी के लिए करना चाहिए।
गोल्ड में निवेश के ये भी विकल्प
दूसरा तरीका गोल्ड ईटीएफ या म्यूचुअल फंड की गोल्ड स्कीम है। आप हर महीने सिप के जरिए इनमें निवेश कर सकते हैं। इससे लंबी अवधि में आपके इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में गोल्ड की अच्छी हिस्सेदारी हो जाएगी। गोल्ड आज भी निवेश का सबसे सुरक्षित विकल्प है। यह ध्यान रखना जरूरी है कि गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है।