Go for Gold: गोल्डमैन का गोल्ड पर लगाया दांव, 2025 में इतनी बढ़ जाएगी चमक

Gold Outlook: इस साल गोल्ड की चमक लगातार बढ़ी है और इसने एक माइलस्टोन से दूसरे माइलस्टोन का सफर किया है। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के तुरंत बाद डॉलर को बढ़ावा मिला, जिससे सोने की कीमत में गिरावट आई। हालांकि गोल्डमैन के एनालिस्ट्स का कहना है कि ट्रम्प प्रशासन में सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं

अपडेटेड Nov 18, 2024 पर 2:52 PM
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Gold Outlook: गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि अगले साल 2025 में गोल्ड नई ऊंचाईयों पर पहुंचेगा। केंद्रीय बैंकों की खरीदारी और अमेरिकी फेड के ब्याज दरों में कटौती के फैसले से इसे सपोर्ट मिलेगा।

Gold Outlook: गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि अगले साल 2025 में गोल्ड नई ऊंचाईयों पर पहुंचेगा। केंद्रीय बैंकों की खरीदारी और अमेरिकी फेड के ब्याज दरों में कटौती के फैसले से इसे सपोर्ट मिलेगा। गोल्डमैन ने अगले साल 2025 में टॉप कमोडिटी ट्रेड में गोल्ड को शुमार किया है। गोल्डमैन के एनालिस्ट्स के मुताबिक अगले साल के आखिरी यानी दिसंबर 2025 तक इसके भाव प्रति औंस 3000 डॉलर तक पहुंच सकते हैं। केंद्रीय बैंकों की तरफ से बढ़ती मांग और फेडरल रिजर्व के रेट कट के फैसले से ईटीएफ (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स) में बढ़ते निवेश से इसे सपोर्ट मिलेगा। स्पॉट गोल्ड अभी $2,590 प्रति औंस के करीब है, जो पिछले महीने $2,790 से ऊपर पहुँच गया था।

गोल्ड की चमक को इन बातों से मिल रहा सपोर्ट

इस साल गोल्ड की चमक लगातार बढ़ी है और इसने एक माइलस्टोन से दूसरे माइलस्टोन का सफर किया है। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के तुरंत बाद डॉलर को बढ़ावा मिला, जिससे सोने की कीमत में गिरावट आई। हालांकि गोल्डमैन के एनालिस्ट्स का कहना है कि ट्रम्प प्रशासन में सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं। इस साल सरकारी स्तर पर ताबड़तोड़ खरीदारी और फेड की नीतिगत ढील ने गोल्ड की चमक बढ़ाई थी। गोल्डमैन के मुताबिक कारोबारी तनाव इसकी चमक में इजाफा कर सकता है। इसके अलावा अमेरिका के राजकोषीय स्थिरता को लेकर बढ़ती चिंताएं भी कीमतों को सहारा दे सकती हैं।


कच्चे तेल को लेकर क्या है अनुमान

गोल्डमैन का अनुमान है कि ब्रेंड क्रूड अगले साल 2025 में प्रति बैरल 70 डॉलर से 85 डॉलर की रेंज में ट्रेड कर सकता है। हालांकि अगर ट्रंप प्रशासन ईरान के तेल परल रोक लगाते हैं तो इसे लेकर रिस्क दिख सकता है। गोल्डमैन का कहना है कि इजरायल को अमेरिका का समर्थन बढ़ने से ईरान के ऑयल एसेट्स को दिक्कतों की आशंका बढ़ सकती है।

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First Published: Nov 18, 2024 2:52 PM

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