Credit Cards

Russia-Ukraine Conflict: सप्लाई घटने के डर से गेहूं, निकल, एलुमीनियम सहित सभी कमोडिटीज की कीमतों में तेजी जारी

रूस और यूक्रेन 75 फीसदी नियोन गैस का उत्पादन करते हैं। नियोन गैस का इस्तेमाल सेमीकंडक्टर्स के उत्पादन में होता है। यह ऑटो कंपनियों के लिए बड़ा झटका होगा। पहले से ही ऑटो कंपनियां सेमीकंडक्टर्स की कमी का सामना कर रही हैं

अपडेटेड Mar 08, 2022 पर 12:20 PM
Story continues below Advertisement
एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्टील और एलुमीनियम की कीमतों में पहले से ही उछाल था। यूक्रेन क्राइसिस की वजह से कीमतें और बढ़ गई हैं। इस वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों में स्टील की कीमत 15 फीसदी और एलुमीनियम की कीमत 34 फीसदी बढ़ी हैं।

यूक्रेन पर रूस (Russian attacks on Ukraine) के हमले के बाद से कमोडिटी (Commodities) की कीमतों में तेजी जारी है। इनमें क्रूड ऑयल (Crude Oil), एलुमीनियम (Aluminum), निकल (Nickle), स्टील (Steel), पैलेडियम (Palladium) और चांदी (Silver) शामिल हैं। लड़ाई की वजह से कई चीजों की सप्लाई पर पड़ने की आंशका है। उधर, रूस कई कमोडिटीज का बड़ा सप्लायर है। इस वजह से कमोडिटीज की कीमतें बढ़ रही हैं।

कमोडिटी की कीमतें बढ़ने का सीधा असर आम आदमी पर पड़ेगा। ज्यादातर चीजें महंगी हो जाएंगी। स्टील और एलुमीनियम महंगा होने से ऑटोमोबाइल, कंज्यूमर ड्यूरेबल, कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट सेक्टर पर असर पड़ेगा। ऑटोमोबाइल कंपनियां पहले ही सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से मुश्किल का सामना कर रही हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर रूस और यूक्रेन क्राइसिस जल्द खत्म नहीं होती है तो सेमीकंडक्टर्स की सप्लाई में भी कमी आएगी।

यह भी पढ़ें : Credit Suisse ने घटाई भारत की रेटिंग, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने दिखाया असर


रूस और यूक्रेन 75 फीसदी नियोन गैस का उत्पादन करते हैं। नियोन गैस का इस्तेमाल सेमीकंडक्टर्स के उत्पादन में होता है। यह ऑटो कंपनियों के लिए बड़ा झटका होगा। पहले से ही ऑटो कंपनियां सेमीकंडक्टर्स की कमी का सामना कर रही हैं। इसका असर गाड़ियों की बिक्री पर भी पड़ेगा। कई गाड़ियों के लिए लंबी वेटिंग लिस्ट है। कंपनियां डिमांड के बावजूद पर्याप्त प्रोडक्शन नहीं कर पा रही है। फरवरी के ऑटो सेल्स के आंकड़ों से इसकी पुष्टि होती है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्टील और एलुमीनियम की कीमतों में पहले से ही उछाल था। यूक्रेन क्राइसिस की वजह से कीमतें और बढ़ गई हैं। इस वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों में स्टील की कीमत 15 फीसदी और एलुमीनियम की कीमत 34 फीसदी बढ़ी हैं। दोनों मेटल का गाड़ियों के उत्पादन में काफी ज्यादा इस्तेमाल होता है। रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला शुरू किया था। तब से गेहूं का भाव 52 फीसदी चढ़ा है। पैलेडियम का प्राइस 33 फीसदी बढ़ा है। इस दौरान में निकल में 19 फीसदी तेजी आई है। एलुमीनियम का प्राइस 17 फीसदी उछला है। कॉपर 8 फीसदी और सिल्वर 5 फीसदी चढ़े हैं।

मंगलवार को इंटरनेशनल कमोडिटी एक्सचेंज पर कॉपर में 3 फीसदी से ज्यादा तेजी थी। पैलेडियम का प्राइस 5 फीसदी ज्यादा था। प्लैटिनम में 2 फीसदी से ज्यादा उछाल था। लेड में 2 फीसदी से ज्यादा की तेजी थी। निकल 60 फीसदी ऊपर था। टिन में 2 फीसदी और चांदी में भी 2 फीसदी की तेजी दिख रही थी। क्रूड ऑयल में 3 फीसदी उछाल था।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।