सरकार ने दाल का उत्पादन बढ़ाने के लिए आत्मनिर्भरता मिशन का ऐलान किया है, जिसके लिए 11,000 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी गई है। यह पैकेज 6 साल के लिए होगा। इस फंड का इस्तेमाल देश में दलहन की खेती को बढ़ावा देने और दालों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया जाएगा।
इसके अलावा पीएम आशा गारंटी योजना के तहत MSP दालों की सरकारी खरीद के लिए लिमिट को भी 45,000 करोड़ से बढ़ाकर 60,000 करोड़ रुपये करने का फैसला लिया है।
वहीं सरकार ने रबी फसलों के लिए MSP से जुड़ा फैसला भी लिया है। जिसपर 84,263 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। कैबिनेट ने 6 रबी फसलों के लिए कमिशन ऑफ एग्रीकल्चरल कॉस्ट्स एंड प्राइसेज यानी CACP के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके तहत गेहूं, बाजरा, चना, मसूर दाल, तिलहन और सुर्यमुखी के लिए MSP पर सरकारी खरीद का फैसला लिया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2026-27 सत्र के लिये गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 6.59 फीसदी बढ़ाकर 2,585 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। 2025-26 के लिए गेहूं का एमएसपी 2,425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया था। इस तरह गेहूं के एमएसपी में इस साल 160 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है।
चने की एमएसपी 5875 रुपये तय की गई हैा। जबकि मसूर की लागत 3705 रुपये है और इसकी एमएसपी 7000 रुपये तय की गई है। इसी तरह सरसों की लागत 3210 रुपये है और MSP 6200 रुपये तय की गई है।
कैबिनेट के फैसलों पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "रबी सीजन की MSP बढ़ाने से कुल 84263 करोड़ रुपये हमारे किसानों भाइयों के मेहनत के इसमें जाएंगे। रबी सीजन 2026-27 के दौरान अनुमानित खरीद 297 लाख मीट्रिक टन होने की संभावना है और प्रस्तावित एमएसपी पर किसानों को भुगतान की जाने वाली राशि 84,263 करोड़ रुपये है." रबी सत्र की फसलों के लिए एमएसपी का निर्धारण कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर किया गया है।