भारत सोयाबीन (Soyabean Oil) और सूरजमुखी के तेलों (Sunflower Oil) पर इंपोर्ट टैक्स (Import Tax) में कटौती करने पर विचार कर रहा है। यह कदम स्थानीय स्तर पर खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए उठाया है। Bloomberg ने मामले से जुड़े एक शख्स के हवाले से बताया, सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट सेस को कम किया जाए या इसे खत्म किया जाए। ये सेस अभी 5% है।
इस शख्स ने पहचान न उजागर करने की शर्त पर बताया कि इस हफ्ते एक अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। वित्त मंत्रालय की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किय गया है।
सरकार की तरफ से एकस्ट्रा टैक्स का इस्तेमाल खेती बाड़ी से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए पैसा जुटाने के लिए किया जाता है। दुनिया के दूसरे सबसे ज्यादा आबादी वाले देश में वनस्पति तेल की बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए सरकार के पास टैक्स में कटौती ही एक सीमित विकल्प हो सकता है।
भारत ने पाम ऑयल और सोयाबीन तेल समेत ज्यादातर खाना पकाने के तेलों पर पहले से ही बेस इंपोर्ट टैक्स को खत्म कर दिया है। साथ ही जमाखोरी को रोकने के लिए इन्वेंट्री लिमिट लगा दी है।
भारत में खाद्य तेल की कीमतें इस साल अंतरराष्ट्रीय कीमतों के साथ-साथ यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद बढ़ी हैं। हमले के कारण काला सागर क्षेत्र से सूरजमुखी के तेल की सप्लाई रुक गई है। भारत अपनी जरूरत का 60% इंपोर्ट करता है।
भारत खाद्य, ईंधन और फसल पोषक तत्वों की बढ़ती कीमतों के साथ महंगाई के दबाव को भी काबू करने के लिए संघर्ष कर रहा है। दुनिया के दूसरे सबसे ज्यादा आबादी वाले देश और एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में थोक महंगाई अप्रैल में बढ़कर तीन दशकों के सबसे ऊपरी स्तर पर पहुंच गई।