Guar Pack: ग्वार सीड की कीमतों में लगातार दूसरे दिन उछाल है भाव 8 दिनों की ऊंचाई पर पहुंच गए हैं, लेकिन ग्वार गम में लगातार दूसरे महीने गिरावट जारी है। सितंबर वायदा 5287 तक पहुंचा। सितंबर के 3 दिनों में 2% भाव चढ़े। सप्लाई में गिरावट से कीमतों में तेजी आई। पंजाब में भारी बारिश से फसल को नुकसान हुआ।
कीमतों में लगातार दूसरे महीने दबाव देखने को मिला। अगस्त में दाम 3% तक गिर चुके हैं जबकि सितंबर के 3 दिनों में भाव 2% गिरे । सितंबर वायदा 9300 के नीचे फिसला। देश में ग्वार सीड का उत्पादन सालाना 8.50 लाख टन रहा जबकि ग्वार गम 2.10 लाख टन रहा ।
ग्वार पैक की चाल पर नजर डालें तो 1 हफ्ते में ग्वार सीड 1 फीसदी टूटा है जबकि 1 महीने में इसमें 2 फीसदी की गिरावट रही। वहीं जनवरी 2025 से अब तक ग्वार सीड के दाम 2 फीसदी लुढ़के है। वहीं 1 साल में 3 फीसदी की गिरावट रही।
इस बीच 1 हफ्ते में ग्वार गम 4 फीसदी टूटा है जबकि 1 महीने में इसमें 4 फीसदी की गिरावट रही। वहीं जनवरी 2025 से अब तक ग्वार सीड के दाम10 फीसदी लुढ़के है। वहीं 1 साल में 11 फीसदी की गिरावट रही।
एग्री कमोडिटी एक्सपर्ट के पुखराज चोपड़ा का कहना है कि बारिश से कोई नुकसान नहीं हुआ है। पिछले साल के मुकाबले इस साल ग्वार की खेती कम हुई है। वहीं सप्लाई में कमी होने के कारण सितंबर महीने में ग्वार का भाव बढ़ा है। पूरे साल निर्यात एक समान स्तर से हुआ। कीमतों में उतार-चढ़ाव केवल सप्लाई के कारण नजर आ रही है।
पुखराज चोपड़ा ने आगे कहा कि ग्वार पैक में 3 सालों से किसानों ने पैसे नहीं कमाए। लोगों ने पुराने फसल की बिकवाली की है। सीड का प्लस होना और ग्वार गम में गिरावट आना, ये सट्टे की वजह से होती है। जहां तक रुझान की बात है कि 3 सालों से ग्वार पैक में कोई कमाई नहीं हुई है। यहीं वजह है कि ग्वार के वॉल्यूम में कमी आई है और लोगों का मोह भी भंग हो रहा है।
वहीं मसालों के मार्केट पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि धनिया, हल्दी, जीरा में स्थिरता नजर आ रही है। जैसे-जैसे नए फसल आने के बाद बाजार में तेजी-मंदी देखने को मिलती है , वहीं इनमें भी हाल में देखने को मिली थी। लेकिन अब इन मसालों की कीमतें स्थिर नजर आ रही है। मसालों का बाजार अब सामान्य भाव पर चल रहा है।