सरकार और इंडस्ट्रीज से जुड़े सूत्रों से रायटर्स (Reuters)को बताया है कि भारत सरकार घरेलू बाजार में शुगर की बढ़ती कीमतों पर नियत्रंण के लिए 6 साल में पहली बार शुगर के एक्सपोर्ट पर नियत्रंण लगा सकती है और इस सीजन के एक्सपोर्ट पर 80 लाख टन की सीमा निर्धारित कर सकती है।
सूत्रों का कहना है कि सरकार इस बारे में जल्द ही एलान कर सकती है। इस खबर के चलते आज के कारोबारी सत्र में स्टॉक मार्केट में शुगर कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट देखने को मिली। Dhampur Sugar Mills और Balrampur Chini 5 फीसदी टूट गए। वहीं Dwarikesh Sugar 6 फीसदी फिसल गया।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक शुगर का उत्पादन अपने रिकॉर्ड हाई पर है लेकिन लगातार हो रहे एक्सपोर्ट के चलते इसका भंडार लगातार कम हो रहा है। अनियत्रंति एक्सपोर्ट के चलते घरेलू बाजार में शुगर की कमी हो सकती है जिसके चलते त्योहारी सीजन में शुगर की कीमतें आसमान छु सकती है। मामले की जानकारी रखने वाले एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि सरकार इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर शुगर एक्सपोर्ट और कैप लगाने की तैयारी में है।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार की योजना इस पेराई सीजन में एक्सपोर्ट की लिमिट 80 लाख टन तय करने की है। एक दूसरे सूत्र ने बताया है कि सरकार एक्सपोर्ट्स को हतोत्साहित करने के लिए लेवी लगाने पर भी विचार कर रही है।
हालांकि भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने इस खबर से जुड़े सवाल का अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। गौरतलब है कि देश की चीनी मिलों में अभी तक 70 लाख टन के एक्सपोर्ट का करार कर रखा है। ऐसे में 80 लाख टन की एक्सपोर्ट करने से सितंबर में समाप्त होने वाले मार्केटिंग ईयर के लिए मई से अपने आप एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लग जाएगा।
बता दें कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शुगर एक्सपोर्टर है । अगर यह शुगर के एक्सपोर्ट पर किसी तरह का नियत्रंण लगाता है तो ग्लोबल शुगर प्राइस में तेजी देखने को मिल सकती है। लेकिन भारत सरकार घरेलू बाजार की महंगाई को लेकर ज्यादा चिंतित है। देश में फूड इंफ्लेशन को लेकर सरकार परेशानी में है। खाने के तेल, कच्चे तेल, अनाजों और दूसरी जरुरी कमोडिटीज की कीमतों में बढ़ोतरी ने सरकार के माथे पर बल डाल दिया है ऐसे में सरकार शुगर की बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए तैयारी कर रही है।