Sugar Exports : साल 2023-24 में उत्पादन में गिरावट से भारत का शुगर एक्सपोर्ट आधा हो सकता है। ट्रेडर्स का कहना है कि अक्टूबर से शुरू होने वाले मार्केटिंग ईयर में भारत के शुगर प्रोडक्शन में अनुमानित गिरावट के कारण निर्यात आधा होने की आशंका है। हालांकि, लोकल लेवल पर कीमतें नहीं बढ़ेंगी क्योंकि घरेलू खपत के लिए पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। उत्पादन 3.6 करोड़ टन तक बढ़ने के बाद 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) में भारत का शुगर एक्सपोर्ट रिकॉर्ड 1.1 करोड़ टन तक पहुंच गया। मौजूदा वर्ष में उत्पादन 3.3 करोड़ टन होने का अनुमान है, जबकि निर्यात गिरकर 60 लाख टन रह गया है। सरकार जनवरी तक 2023-24 के लिए शुगर एक्सपोर्ट पॉलिसी की घोषणा कर सकती है, लेकिन ट्रेडर्स और इंडस्ट्री पहले से ही आउटबाउंड शिपमेंट में और गिरावट की उम्मीद कर रहे हैं।
चीनी उत्पादन को लेकर क्या है अनुमान
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के शुरुआती अनुमान में 2023-24 में 3.62 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान है। ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन के चेयरमैन प्रफुल्ल विठलानी ने कहा, “महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की कमी के कारण कुल चीनी उत्पादन में गिरावट की उम्मीद है। हालांकि, उत्तर प्रदेश बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।" देश के चीनी उत्पादन का लगभग 80 फीसदी हिस्सा इन तीन राज्यों से आता है।
पिछले कुछ महीनों में चीनी की थोक कीमतें महाराष्ट्र में लगभग 37 रुपये और उत्तर प्रदेश में 39 रुपये प्रति किलोग्राम, एक्स-मिल प्लस जीएसटी तक बढ़ गई हैं, जिससे अगले सीजन में चीनी उत्पादन में गिरावट की उम्मीद है। विठलानी के मुताबिक मई से अक्टूबर के बीच चीनी के लिए ऑफ-सीजन रहता है तो आमतौर पर इस दौरान कीमतें बढ़ जाती हैं। अब आगे की बात करें तो आमतौर पर अक्टूबर से नया सीजन शुरू हो जाता है लेकिन इस बार हिंदू कैलेंडर में एक अतिरिक्त महीने के चलते यह नवंबर तक खिसक सकता है। हालांकि 1 सितंबर को चीनी का स्टॉक करीब 80 लाख टन का था जो नवंबर के आखिरी तक के लिए पर्याप्त है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि दिसंबर से इसकी कीमतें 4-5 फीसदी नीचे आ सकती हैं।