नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (NCDEX) और भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक करार किया। एनसीडीईएक्स ने मौसम विभाग से मौसम का वायदा लाने के लिए करार किया। यह समझौता भारत के पहले मौसम डेरिवेटिव्स के लॉन्च के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
NCDEX ने कहा कि करार से वायदा का नया आयाम खुला है। वायदा आने से किसानों को फायदा मिलेगा। मौसम संबंधी जोखिम कम होंगे। बारिश, सूखा संबंधी जोखिम कम होंगे। टूरिज्म, ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री को भी फायदा मिलेगा। सरकार को नीति बनाने में आसानी होगी
मौसम वायदा एक तरह का फाइनेंशियल इंस्ट्रुमेंट्स है, जिसका इस्तेमाल मोटे तौर पर मौसम की वजह से होने वाले नुकसान से बचने या भरपाई करने के लिए किया जाता है। मौसम वायदा को एक वित्तीय इंस्ट्रूमेंट्स के तौर पर वहां इस्तेमाल किया जाता है, जहां मौसम से जुड़ा रिस्क होता है। इसका उपयोग व्यवसायों और व्यक्तियों को अप्रत्याशित मौसम की स्थिति से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए किया जाता है
केडिया एडवाइजरी के अजय केडिया का कहना है कि सेबी के नए चेयरमैन आने के बाद से 2025 में कमो़डिटी को लेकर कई तरह के बदलाव देखने को मिल रही है। "मौसम वायदा"काफी अट्रैक्टिव है, भारत कृषि प्रधान देश होने के कारण इसमें मौसम काफी अहम हो जाता है। केवल एग्रीकल्चर ही नहीं बल्कि सीड , एफएमसीजी, कंजमशन, लॉजिस्टिक सभी निर्भ करते है। हम केवल कमोडिटी हैजिंग की बात करते है लेकिन कमोडिटी में ईल्ड में या प्रोडक्शन लॉसेस में जो भी डिस्टरबेंस आती है, वह वेदर के कारण आती है, उसके लिए हमारे पास कोई टूल नहीं था।
उन्होंने आगे कहा कि मौसम का वायदा आने से इंडस्ट्रीज को फायदा होगा। मौसम वायदा से किसानों को भी फायदा होगा। स्टार्टिंग राइट फ्रॉम मरीन, शिपिंग , ट्रैवल, टूरिज्म और अलग-अलग इंडस्ट्रीज भी इसका फायदा उठा सकते है। इससे मौसम से जुड़े जोखिम को कम करने में मदद मिलेगी।
मौसम का वायदा भारत के लिए अपनी तरह का पहला प्रोडक्ट होगा। कमोडिटी मार्केट के लिए माइल स्टोन के रूप में काम करेगा। इससे बाजार में लिक्विडिटी भी बढ़ेगा। कंज्यूमर और फाइनेंशियल प्लेयर्स सभी के लिए फायदेमंद होगा। मौसम वायदा आने से हेजिंग की सुविधा भी मिलेगी।