सरकार ने गैसोलीन एक्सपोर्ट पर लगाई गई लेवी को समाप्त कर दिया है। इसके अलावा तीन सप्ताह से भी कम समय में दूसरे ईंधनों पर लगाए गए विंडफाल टैक्स में भी कटौती की है। यह कदम देश की बड़ी ईंधन एक्सपोर्टर रिलायंस इंडस्ट्रीज और टॉप क्रूड एक्सप्लोरर ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन के लिए बड़ी राहत लेकर आई है।
सरकारी अधिसूचना के मुताबिक केंद्र ने डीजल और एविएशन फ्यूल (विमानन ईंधन) शिपमेंट पर लागू विंडफाल टैक्स में 2 रुपये प्रति लीटर की कमी की है और गैसोलीन निर्यात पर 6 रुपये प्रति लीटर लेवी को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है।
इसके साथ ही सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर लागू टैक्स में लगभग 27 फीसदी की कटौती करके इसके 17000 रुपये प्रति टन कर दिया। बता दें कि हाल में इस तरह की खबरें आई थीं कि केंद्र सरकार हाल ही में लागू किए गए विंडफॉल टैक्स को कम करने पर विचार कर रही है क्योंकि इससे फ्यूल एक्पपोर्टरों और तेल उत्पादकों का मुनाफा घट रहा है।
साथ ही, एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि डीजल, पेट्रोल और जेट ईंधन के रिफाइनिंग मार्जिन में भारी गिरावट ने रिफाइनरों के सुपर प्रॉफिट को घटा दिया है। ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए ने कहा है कि "हमें इस तिमाही के बाद की समीक्षा में विंडफाल टैक्स में राहत मिलने का अच्छा मौका दिख रहा है”।
सरकार ने SEZ में स्थित यूनिटों पर लागू एक्सपोर्ट ड्यूटी में भी कटौती की है। क्रूड ऑयल प्रोडक्शन पर लागू टैक्स को 23250 रुपए प्रति टन से घटा कर 17000 रुपए प्रति टन कर दिया गया है। वहीं, डीजल एक्सपोर्ट पर लागू ड्यूटी को 13 रुपए से घटा कर 10 रुपए कर दिया गया है। जबकि पेट्रोल पर लागू एक्सपोर्ट ड्यूटी को खत्म ककर दिया गया है।
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