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Rice Export Ban: चावल के एक्सपोर्ट पर बैन जारी रखेगी सरकार- सूत्र

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार का न तो टूटे चावल के एक्सपोर्ट पर लगे बैन को हटाने का इरादा है और न ही सरकार दूसरे चावल के एक्सपोर्ट पर लगी 20% ड्यूटी को खत्म करना चाहती है। सूत्रों की मानें तो सरकार घरेलू मार्केट में पर्याप्त सप्लाई और कीमतों को कम रखना चाहती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 23, 2023 पर 4:23 PM
Rice Export Ban: चावल के एक्सपोर्ट पर बैन जारी रखेगी सरकार- सूत्र
सूत्रों की मानें तो सरकार घरेलू मार्केट में पर्याप्त सप्लाई और कीमतों को कम रखना चाहती है।

भले ही इंडस्ट्री चावल एक्सपोर्ट पर लगे बैन के हटने की उम्मीद कर रही हो लेकिन अल नीनो की आशंका के बीच सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार का न तो टूटे चावल के एक्सपोर्ट पर लगे बैन को हटाने का इरादा है और न ही सरकार दूसरे चावल के एक्सपोर्ट पर लगी 20% ड्यूटी को खत्म करना चाहती है।

सूत्रों की मानें तो सरकार घरेलू मार्केट में पर्याप्त सप्लाई और कीमतों को कम रखना चाहती है। सरकार को लगता है कि अगर बैन हटाया गया तो दूसरे देश टूटे चावल का इस्तेमाल न सिर्फ मवेशियों के चारे के रूप में बढ़ाएंगे बल्कि एथेनॉल बनाने में इसका इस्तेमाल बढ़ जाएगा। दरअसल बैन लगने और 20% एक्सपोर्ट ड्यूटी लगने के बाद भी देश का चावल एक्सपोर्ट 3.5% बढ़ा जोकि थाईलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान और अमेरिका के कुल एक्सपोर्ट से भी ज्यादा है।

सूत्रों के मुताबिक घरेलू सप्लाई और चावल की बढ़ती कीमतों को नियंत्रण में लाने के लिए सरकार यह फैसला ले रही है। इसी वजह से सरकार पहले देश में चावल की सप्लाई को बनाए रखने पर जोर दे रही है।

बता दें कि एशिया, अफ्रीका में ज्यादातर चावल का एक्सपोर्ट किया जाता है। सरकार ने सितंबर 2022 में चावल की कीमतों में तेजी के कारण इसके एक्सपोर्ट पर बैन लगाया था। सूत्रों का कहना है कि सरकार के ड्यूटी लगने के बाद भी चावल का एक्सपोर्ट बढ़ा है।

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