Agri Commodity:गेहूं की कीमतें घटाने के लिए सरकार ने खुले बाजार में गेहूं बेचने का फैसला किया। OMSS के जरिए गेहूं की बिक्री होगी। 25 लाख मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री होगी। फूड कॉरपोरेशन आफ इंडिया (FCI) गेहूं का ई-ऑक्शन करेगा। गेहूं की बिक्री 31 मार्च 2025 तक होगी। पिछले साल FCI ने 10 लाख टन गेहूं बेचा था। सरकार OMSS के जरिए दाम कर करना चाहती है । 16 नवंबर तक FCI के पास 1.08 करोड़ टन गेहूं है।
देश में गेहूं की महंगाई पर नजर डालें तो 1 महीने में रिटेल दाम में 1 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है जबकि 1 साल में रिटेल भाव में 3 फीसदी का उछाल आया है। वहीं 1 महीने में होलसेल दाम 1 फीसदी और 1 साल में होलसेल की कीमतों में 5 फीसदी की उछाल आया है।
इस साल OMSS 2.5 मिलियन टन गेहूं बिक्री करेगा
गेहूं पर सरकार के इस फैसले पर बात करते हुए WPPS के चेयरमैन अजय गोयल ने कहा कि आज OMSS का टेंडर रिलीज हो सकता है। अगर आज टेंडर रिलीज नहीं हुआ तो अगले शुक्रवार तक जरूर होगा। OMSS के प्राइस पर 300-350 फ्रेट भी जुड़ सकता है। कोयंबटूर, सेलम इलाकों में फ्रेट जुड़ने के बाद मिनिमम 2650 तक भाव हो सकते हैं । उन्होंने कहा कि पहले टेंडर को मार्केट प्राइस के करीब खोलने की उम्मीद है। इस टेंडर में करीब 4000 entities पार्टिसिपेट करेंगे।
अजय गोयल ने आगे कहा कि पिछले साल सरकार ने OMSS में 10 लाख/ मिलियन टन गेहूं रखा था। इस साल एक चौथाई यानि 2.5 मिलियन टन गेहूं दूसरे ट्रांच में 10-15 लाख प्रति मिलियन टन आ सकता है। वहीं सरकार फरवरी मिड में 1.5 मिलियन टन और एलोकेट कर सकती है । बाजार में खरीदारी कम हो रही है।
उन्होंने आगे कहा कि दिसंबर, जनवरी और फरवरी में मांग अच्छी रहती है। अगले 10-15 खबरों से बाजार चलता रहेगा । बाजार वोलाटाइल रहा तो गेहूं की आवक कम हो जाएगी । कई जगहों पर गेहूं की बुआई में देरी हुई है। 10-15 दिसंबर तक बुआई का सही आंकड़े आएंगे।
1 हफ्ते निचले स्तरों पर पहुंचे ग्वार पैक के भाव
ग्वार पैक पर दबाव बढ़ा है। ग्वार पैक के भाव 1 हफ्ते निचले स्तरों पर पहुंचे है। कीमतों में लगातार तीसरे दिन गिरावट जारी है। 3 दिनों में 2.50% से ज्यादा की गिरावट रही। ग्वार सीड का भाव 5200 के नीचे फिसला है जबकि ग्वार गम का भाव 10100 के नीचे फिसला है। क्रूड में गिरावट का पड़ा कीमतों पर असर देखने को मिल रहा है।
मांग बढ़ने पर तेजी की उम्मीद
अनाज मंडी पूर्व चेयरमैन पुखराज चोपड़ा ने कहा कि एग्री कमोडिटी मार्केट में निवेशक नहीं आने के कारण ग्वार में मंदी देखने को मिल रही है। अक्टूबर में 22000 टन का एक्सपोर्ट हुआ था। पिछले साल से 5000 टन एक्सपोर्ट कम हुआ है। अभी ग्वार की आवक बढ़िया है। अभी मंडियों में 60 हजार बोरिया आ रही हैं। 3000 क्विंटल की क्रशिंग और 60 हजार क्विंटल की आमदनी है।
पुखराज चोपड़ा ने आगे कहा कि माल भाड़े बढ़ने से कमजोरी रही। एग्री कमोडिटी मार्केट में निवेशक नहीं आ रहे। एग्री कमोडिटी मार्केट में लिक्विडिटी की कमी है। मांग बढ़ने पर तेजी की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तरह सुधार की मांग आई तो ग्वार पैक में तेजी आएगी ।
इस साल मोठ की फसल अच्छी है। मोठ के भाव 4500-4600 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास चल रहे है। जिसके चलते किसान मोठ की फसल रोककर ग्वार को बेच रहे।
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