Wheat price: इंटरनेशनल मार्केट में गेहूं की कीमतों में गिरावट आई है। 2 हफ्तों के निचले स्तरों के करीब दाम पहुंचा है। 10 हफ्तों के निचले स्तरों सिर्फ $9 दूर है। 1 हफ्ते में गेहूं में करीब 2% की गिरावट आई है । इस साल अब तक 14% से ज्यादा दाम गिरे है। देश में रबी फसलों की बुआई में किसान जुटे है।इंटरनेशनल मार्केट में गेहूं की चाल पर नजर डालें तो 1 हफ्ते में 1 फीसदी टूटा। जबकि 1 महीने में 4 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं जनवरी 2024 में अब तक गेहूं में 14 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं 1 साल में गेहूं की कीमतों में 4 फीसदी टूटा है।
WPPS के चेयरमैन अजय गोयल का कहना है कि भारतीय बाजारों में अगले 3-4 महीनों के लिए गेहूं के दाम 3000 रुपये प्रति क्विंटल तक रहने की उम्मीद। 15 दिसंबर तक 2.5 मिलियन टन OMSS की उम्मीद है। OMSS की कीमत `2400-2500/क्विंटल के आसपास रहने की उम्मीद है।
SEA ने कहा कि क्रूड सोयाबीन ऑयल, CPO का वायदा दोबारा शुरू किया जाए। वायदा न होने से इंडस्ट्री आर्थिक नुकसान हो रहा है। बैन से जोखिम करने करने के विए हेजिंग संभव नहीं है। SEA ने कहा कि है कि बाजार के उतार-चढ़ाव से इंडस्ट्री का जोखिम बढ़ा है। बैन के फैसले पर दोबारा से सरकार को विचार करना चाहिए।
SEA के ईडी डॉ. बी.वी. मेहता ने कहा कि इंडस्ट्रीज और किसानों को नुकसान हो रहा है। खाने के तेल के लिए सरकार को वायदा कारोबार शुरू करना चाहिए। क्योंकि ये हेजिंग के लिए जरूरी है और सर्विलांस के लिए जरूरत हो तो ज्यादा मार्जिन या सर्किट बेक्रर नेरो किए चाहिए।
बी.वी. मेहता ने आगे कहा कि 2021 से वायदा कारोबार बंद है। बैन हटने से किसानों को फायदा होगा और उन्हें MSP मिल जाएगा। फ्यूचर ट्रेडिंग में निवेश से फायदा होगा।
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