पिछले कुछ सालों में Freshworks भारत की स्टार्ट-अप दुनिया में तेजी से एक जाना-पहचाना नाम बन गया है। इसका पूरा श्रेय कंपनी के फाउंडर गिरीश मात्रुबुथम (Girish Mathrubootham) को जाता है। कंपनी की स्थापना में, उन्होंने एग्जीक्यूशन और एस्टेब्लिशमेंट के मामले में एक बुहत की आगे की सोच वाले नजरिए को बेहद ही सरल तरीके से दिखाया। हालाँकि, मात्रुबुथम का सफर असल में कहीं और से शुरू हुआ था।
तमिलनाडु के त्रिची में जन्मे और पले-बढ़े गिरीश ने एक इंजीनियरिंग छात्र के रूप में अपना एजुकेशनल करियर शुरू किया। शुरुआत में, उन्होंने चीजों को अपने तरीके से सीखने के लिए एक कौशल की खोज की और आखिर में मार्केटिंग में MBA करने के लिए मद्रास यूनिवर्सिटी पहुंचे।
उन्होंने अपने प्रोफेशनल करियर की औसत शुरुआत की थी, लेकिन उनके लिए निर्णायक मोड़ तब आया, जब वे डायरेक्टर ऑफ प्रोडक्ट मैनेजर के रूप में Zoho कॉर्पोरेशन में शामिल हुए। उस भूमिका में दो साल के कार्यकाल के बाद, उन्होंने कंपनी में एक कदम बढ़ाया और प्रोडक्ट मैनेजमेंट के वाइस प्रेसिडेंट की पोस्ट हासिल की।
Zoho के साथ करीब आधे दशक के बाद, उन्होंने अपनी खुद की कंपनी स्थापित की, जिसे शुरू में फ्रेशडेस्क के नाम से जाना जाता था। इसे इंडस्ट्री में प्रचलित पहले से मौजूद और बोझिल बिजनेस सॉफ़्टवेयर सॉल्यूशन के रूप में स्थापित किया गया था।
कंपनी ने इस बिजनेस टाइटन के तहत इतनी बढ़ोतरी देखी कि वो अपने IPO के जरिए 1.03 बिलियन डॉलर से ज्यादा जुटाने के बाद नैस्डैक (Nasdaq) पर लिस्टेड होने वाली पहली भारतीय सॉफ्टवेयर निर्माता बन गई। ये लगभग 10.13 बिलियन डॉलर का मार्केट कैप रिकॉर्ड करने में भी कामयाब रही।
फ्रेशवर्क्स कंपनी के शेयर की कीमत नैस्डैक पर शुरुआती कारोबार में 33 प्रतिशत बढ़कर 48 डॉलर हो गई। इससे मार्केट कैपिटल करीब 13 अरब डॉलर हो गया।
ये कहना सही होगा कि CEO ने अपने सपने को पूरा करने के लिए अपने कर्तव्यों बेहतर तरीके से निभाया है। ये कहा जा सकता है कि वह एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो अभी भी अपनी जड़ों से जुड़े हैं।
गिरीश ने MoneyControl को एक इंटरव्यू में बताया कि कंपनी के लगभग 76 प्रतिशत कर्मचारियों के पास शेयर हैं, इसी के चलते, उनमें से 500 से ज्यादा करोड़पति बन गए हैं, जिनमें से लगभग 70 की उम्र 30 साल से भी कम है।
नैस्डैक पर लिस्टेड होने के बाद, गिरीश ने ट्विटर पर अपने कर्मचारियों, अपने इनवेस्टर्स और ग्राहकों को कंपनी को इस ऊंचाई तक ले जाने के लिए धन्यवाद दिया। ट्वीट में लिखा, "आज मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है - त्रिची में एक छोटी सी शुरुआत से लेकर Nasdaq में फ्रेशवर्क्स IPO तक। इस सपने में विश्वास करने के लिए हमारे कर्मचारियों, ग्राहकों, पार्टनर्स और इनवेस्टर्स को धन्यवाद।"
त्रिची के एक इंजीनियरिंग छात्र ने इतना बड़ी फर्म कैसे स्थापित की, इसका अंदाजा किसी को नहीं है, लेकिन एक बात स्पष्ट है और वो उनका बिजनेस-प्रेमी नजरिया। यहां तक कि अपने शुरुआती दिनों में भी, जब वह कंपनी की स्थापना में लगे थे, तो उन्हें पता था कि उन्हें किस नजरिए को अपनाना है।
गिरीश के बारे में ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि Software as a Service (SaaS) की शुरुआत में उस समय एक तेजी से उभरता हुआ मार्केट था और गिरीश इसका पूरा फायदा उठाना जानते थे।