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LIC में विदेशी निवेश की सीमा 20% तय कर सकती है सरकार

LIC Act के मुताबिक, कंपनी में सरकार के अलावा किसी की भी हिस्सेदारी 5% से ज्यादा नहीं हो सकती

अपडेटेड Aug 31, 2021 पर 4:04 PM
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सरकार LIC (Life Insurance Corporation) में विदेश निवेश की सीमा 20% तय कर सकती है। सरकारी बैंकों में भी विदेशी निवेश की सीमा इतनी ही है। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी IPO लाने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि यह देश का अब तक का सबसे बड़ा इश्यू होगा। LIC Act के मुताबिक, विदेशी निवेश का कोई जिक्र नहीं है और यह भी कहा गया है कि सरकार के अलावा कोई भी इस बीमा कंपनी में 5% से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं ले सकता है।

एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि क्यों सरकार LIC में 20 फीसदी विदेशी निवेश की सीमा रखना चाहती है। जबकि प्राइवेट सेक्टर की बीमा कंपनियों और प्राइवेट बैंकों में विदेशी निवेश की सीमा 74% है। हालांकि सरकारी बैंकों में विदेश निवेश की सीमा 20% ही है।

फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टमेंट (FPI) रेगुलेशन और फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत लिस्टेड कंपनियों में 24% विदेशी निवेश की इजाजत है। बशर्ते कि उस सेक्टर की अपनी कोई सीमा ना हो।

ET के मुताबिक, अधिकारी ने बताया, "ये कुछ ऐसे मामले हैं जिनपर योजना बनाकर काम किया जा रहा है। इसके लिए LIC Act में किसी संशोधन की जरूरत नहीं है।"

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LIC में विदेशी निवेश की सीमा DPIIT (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) तय कर सकता है। लेकिन इंडिपेंडेंट फॉरेन इनवेस्टमेंट एक्सपर्ट के मुताबिक, इसके लिए संसद की मंजूरी लेनी होगी।

एक्सपर्ट ने बताया, "LIC Act के मुताबिक, कंपनी में सरकार के अलावा कोई भी 5% से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं रख सकता है। इसका मतलब है कि FPI की हिस्सेदारी भी इसमें 5% से कम रह सकती है। अगर इस सीमा में कोई बदलाव किया जाता है तो उसके लिए LIC Act में बदलाव करना होगा।"


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