पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (PNB Housing Finance Ltd) ने कार्लाइल (Carlyle) की अगुआई वाले निवेशकों के एक समूह के साथ अपनी 4,000 करोड़ रुपये की डील रद्द कर दी है। यह डील ऐलान के बाद से कानूनी विवादों में उलझ गया था, जिसके चलते कंपनी ने इस डील को रद्द करने का फैसला किया है। लंबित कानूनी मुद्दों के चलते इस डील को रेगुलेटर से मंजूरी नहीं मिल पा रही थी।
इसके साथ ही कार्लाइल ग्रुप की कंपनी प्लूटो इनवेस्टमेंट्स (Pluto investments) ने अपने ओपन ऑफर को वापस लेने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस ने गुरुवार को शेयर बाजार को भेजे एक नोटिस में यह जानकारी दी।
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पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस ने 4000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए प्राइवेट इक्विटी फर्म कार्लाइल ग्रुप की अगुवाई वाले निवेशकों के एक ग्रुप के साथ डील की थी। इसके बदले में इन निवेशकों को प्रेफरेंशियल शेयर और वारंट्स अलॉट किए जाने वाले थे। हालांकि कुछ माइनॉरिटी स्टेकहोल्डर्स की आपत्ति के बाद सेबी ने पीएनबी हाउसिंग के प्रेफरेंशियल शेयर और वारंट जारी करने पर रोक लगा दी।
स्टेकहोल्डर्स का कहना था कि इस डील के जरिए पीएनबी हाउसिंग का कंट्रोल कार्लाइल ग्रुप के पास चला जाएगा, जो स्टेकहोल्डर्स के हित में नहीं है। सेबी के इस आदेश को पीएनबी ने सिक्योरिटीज अपीलेट ट्राइब्यूनल (SAT) में चुनौती दी, लेकिन सैट ने इस मामले में एक विभाजित फैसला दिया। इसके सेबी ने SAT के फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस ने एक नोट में कहा कि कानूनी प्रक्रिया लंबी खींचती जा रही है और इसकी कोई तय सीमा नहीं है कि इस मामले में अंतिम फैसला कब आएगा। पीएनबी ने कहा कि इसके अलावा प्रेफरेशियल शेयर के अलॉटमेंट की मंजूरी भी अटकी हुई है और इसे लेकर भी तस्वीर साफ नहीं है। ऐसे में इस डील को रद्द करने का फैसला लिया जाता है।