TCS Layoffs: छंटनी में शामिल कर्मचारियों को कंपनी दे रही 2 साल तक की सैलरी का ऑफर
TCS Layoffs: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में इन दिनों छंटनी चल रही है। कंपनी छंटनी में शामिल कर्मचारियों को नौकरी से हटाने के लिए आकर्षक सेवरेंस पैकेज (नौकरी छोड़ने पर मिलने वाला मुआवजा) ऑफर कर रही है। कंपनी ऐसे कर्मचारियों को जिनकी स्किल्स अब बदलती तकनीक और कंपनी की जरूरतों से मेल नहीं खा रही हैं, उन्हें छह महीने से लेकर अधिकतम दो साल तक की सैलरी को सेवरेंस पैकेज के रूप में दे रही है
TCS अपने कर्मचारियों को उनके सेवा अवधि के आधार पर सेवरेंज पैकेज ऑफर कर रही है
TCS Layoffs: देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में इन दिनों छंटनी चल रही है। कंपनी छंटनी में शामिल कर्मचारियों को नौकरी से हटाने के लिए आकर्षक सेवरेंस पैकेज (नौकरी छोड़ने पर मिलने वाला मुआवजा) ऑफर कर रही है। कंपनी ऐसे कर्मचारियों को जिनकी स्किल्स अब बदलती तकनीक और कंपनी की जरूरतों से मेल नहीं खा रही हैं, उन्हें छह महीने से लेकर अधिकतम दो साल तक की सैलरी को सेवरेंस पैकेज के रूप में दे रही है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
मनीकंट्रोल ने जुलाई में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया था कि TCS ने अगले एक साल में अपने कर्मचारियों की कुल संख्या का करीब 2 प्रतिशत, यानी लगभग 12,000 कर्मचारियों को हटाने का फैसला किया है। कंपनी का मानना है कि तकनीकी बदलाव और ऑटोमेशन के इस दौर में कंपनी को चुस्त और भविष्य के लिए तैयार बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी है।
किन कर्मचारियों पर असर?
इस बीच सूत्रों ने मनीकंट्रोल को बताया कि इस छंटनी प्रक्रिया में मुख्य रूप से वे कर्मचारी प्रभावित होगों, जिनकी स्किल्स अब अप्रासंगिक हो गई हैं या जिन्होंने क्लाइंट्स की बदलती जरूरतों के मुताबिक खुद को नए दौर की मांगों के मुताबिक अपस्किल नहीं किया। ऐसे कर्मचारियों को तीन महीने का नोटिस पीरियड पे और उसके बाद छह महीने से लेकर 24 महीने तक का वेतन, सेवरेंस पैकेज के रूप में दिया जाएगा।
यह सेवरेंज पैकेज कर्मचारियों की सेवा अविध के आधार पर आधार पर होगा। TCS से जुड़े एक सूत्र ने बताया, “इस कैटेरगी में सबसे कम सेवरेंस पे 6 महीने का है।” वे कर्मचारी जो पिछले 8 महीने से बिना किसी पद के 'बेंच' पर हैं यानी जिन्हें किसी प्रोजेक्ट में नहीं लगाया है है, उन्हें केवल तीन महीने का नोटिस पीरियड पे दिया जाएगा।
TCS ने एक बयान में कहा, “हमारे मूल्यों के अनुरूप, स्किल रीअलाइनमेंट से प्रभावित कर्मचारियों को उनकी परिस्थितियों के हिसाब से उचित देखभाल और सपोर्ट दिया जा रहा है।”
यह है पूरी जानकारी:
बेंच पर बैठे कर्मचारी (8 महीने से बिना किसी प्रोजेक्ट के):
- ऐसे कर्मचारियों को केवल 3 महीने की सैलरी वाला बेसिक नोटिस पीरियड पे दिया जा रहा है।
- ये वे कर्मचारी हैं जिन्हें पिछले 8 महीनों से कोई एक्टिव प्रोजेक्ट नहीं मिला है।
10 से 15 साल तक की सेवा वाले कर्मचारी:
- सूत्रों के अनुसार, इस कैटेगरी के कर्मचारियों को लगभग 1.5 साल की सैलरी के बराबर सेवरेंस पे दिया जा रहा है।
- यह उन लोगों के लिए है जिनकी स्किल्स अब कंपनी की जरूरतों से मेल नहीं खा रही हैं।
15 साल से अधिक सेवा वाले कर्मचारी:
- ऐसे सीनियर कर्मचारियों को 1.5 से 2 साल तक की सैलरी वाला सेवरेंस पैकेज मिल सकता है।
- इनमें से केवल कुछ चुनिंदा मामलों में ही अभी भी कंपनी में किसी भूमिका पर विचार किया जा रहा है।
CEO का बयान
TCS के CEO के कृतिवासन ने जुलाई में कहा था कि यह उनके लिए “सबसे कठिन फैसलों में से एक” रहा है, और यह फैसला मुख्य रूप से मिड और सीनियर लेवल के कर्मचारियों को प्रभावित कर रहा है।
अतिरिक्त सहायता
- कंपनी आउटप्लेसमेंट सर्विसेज (नई नौकरी ढूंढने में मदद करने वाली सेवाएं) भी मुहैया करा रही है।
- इसके तहत कंपनी एजेंसी फीस का खर्च 3 महीने तक वहन कर रही है, और कुछ मामलों में जूनियर कर्मचारियों के लिए यह अवधि और बढ़ाई जा रही है।
- कुछ चुनिंदा मामलों में “TCS Cares” प्रोग्राम के तहत कर्मचारियों को मेंटल हेल्थ सपोर्ट और थेरेपिस्ट की सुविधा भी दी जा रही है।
अर्ली रिटायरमेंट
सूत्रों के मुकाबिक, जिन कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र नजदीक है, कंपनी उन्हें अर्ली रिटायरमेंट का विकल्प भी दे रही है। इसके तहत उन्हें पूरे रिटायरमेंट बेनेफिट्स मिलेंगे, जिनमें इंश्योरेंस भी शामिल है। साथ ही उनकी सेवा अवधि के आधार पर 6 महीने से लेकर 2 साल तक की सैलरी का अतिरिक्त सेवरेंस पैकेज भी दिया जा रहा है।
स्थिति अभी कहां तक पहुंची?
सूत्रों के मुताबिक, अधिकतर कर्मचारियों से जुड़े एडजस्टमेंट अगस्त और सितंबर में पूरे कर लिए गए हैं। अब केवल कुछ चुनिंदा मामलों में मूल्यांकन चल रहा है, जहां कर्मचारियों को कंपनी के रिसोर्स मैनेजमेंट ग्रुप (RMG) में भेजकर नए रोल तलाशने का विकल्प दिया जा रहा है।
डिस्क्लेमरःMoneycontrol पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।