Byju’s News: ऑनलाइन एजुकेशन प्रोवाइडर बायजू को भारी घाटे और कॉस्ट में कमी के टारगेट को हासिल करने के लिए खासा जूझना पड़ रहा है। इसीलिए, कंपनी अब अपने 1.2 अरब डॉलर के कर्ज की रिस्ट्रक्चरिंग की तैयारी कर रही है। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से यह बात सामने आई है। उन्होंने कहा कि 22 अरब डॉलर की वैल्यू के साथ भारत के सबसे वैल्यूएबल स्टार्टअप (India's most valuable startup) ने क्रेडिटर्स के साथ टर्म लोन बी की शर्तों में बदलाव पर चर्चा के लिए एक सलाहकार की नियुक्ति की है।
सूत्रों ने कहा कि कम कूपन और भुगतान के लिए ज्यादा समय सहित ज्यादा लचीली शर्तों के लिए बातचीत जारी है। अभी तक इस संबंध में कोई अंतिम फैसला नहीं किया गया है।
कर्ज पर बढ़ी क्रेडिटर्स की चिंता
Byju’s उन स्टार्टअप्स में से एक है, जो भारत में बढ़ती मोबाइल कनेक्शंस की संख्या और विदेशी निवेश के दम पर आगे बढ़ते रहे, जब तक नकदी के खर्च में कमी नहीं हो गई। सूत्रों ने कहा कि क्रेडिटर्स को अब कंपनी की कर्ज चुकाने की क्षमता को लेकर चिंता हो रही है और कई ने अपने लोन बेच दिए हैं।
तीन महीने में खासा महंगा हुआ लोन
इस साल तीन महीने की लिबोर (Libor) 21 गुना ज्यादा बढ़ चुकी है, जिससे बेंगलुरू हेडक्वार्टर वाली कंपनी के लिए लोन खासा महंगा हो गया है। सूत्रों ने इसकी पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्रा. (Think & Learn Pvt) के रेटिंग हासिल करने में नाकाम रहने के बाद इस साल लोन पर मार्जिन अतिरिक्त 50 बेसिस प्वाइंट्स तक बढ़ गया है।
पिछले साल लोन को मिल रहा था अच्छा मूल्यांकन
बीते साल नवंबर में Libor की तुलना में लोन का मूल्यांकन 550 प्वाइंट्स ऊपर किया गया था, जो दुनिया भर में किसी न्यू एज कंपनी के लिए सबसे बड़ी अनरेटेड टर्म लोन बी (term loan B) पेशकश थी। साथ ही इसे सॉवरेन वेल्थ फंड्स (sovereign wealth funds), जेपी मॉर्गन चेज (JPMorgan Chase) के एमडी मधुर अग्रवाल ( Madhur Agarwal) की तरफ से अच्छी डिमांड मिली थी। ब्लूमबर्ग के डेटा के मुताबिक, सितंबर मे 64.5 सेंट के रिकॉर्ड लो पर पहुंचने के बाद बुधवार को लोन डॉलर पर 80 सेंट में ट्रेड हो रहा था। इस संबंध में बायजूस के एक प्रतिनिधि ने प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।