TikTok Deal: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि कंजर्वेटिव मीडिया दिग्गज रूपर्ट मर्डोक (Rupert Murdoch) और उनके बेटे लाचलन टिकटॉक को खरीद सकते हैं। अमेरिकी मीडिया फॉक्स न्यूज की 'द संडे ब्रीफिंग' में उन्होंने कहा कि अमेरिका में टिकटॉक को बचाने के लिए लाचलन मर्डोक लगे हुए हैं। हालांकि ट्रंप के मुताबिक सिर्फ रूपर्ट मर्डोक और लाचलन मर्डोक ही नहीं बल्कि टिकटॉक से जुड़े सौदे की दौड़ में ओरेकल के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन लैरी एलिजन और डेल टेक्नोलॉजीज के सीईओ माइकल डेल भी शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा कुछ और दिग्गज भी इस दौड़ में हिस्सा ले सकते हैं।
TikTok के डील की रेस में शामिल लोगों को ट्रंप ने बताया देशभक्त
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुताबिक टिकटॉक को खरीदने की रेस में लाचलन मर्डोक, लैरी एलिजन और माइकल डेल जैसे दिग्गज हैं। उन्होंने कहा कि ये अमेरिकी देशभक्त हैं जो अपने देश से प्यार करते हैं। ऐसे में ट्रंप का मानना है कि वे वास्तव में बहुत अच्छा काम करने जा रहे हैं। हालांकि न्यूज एजेंसी सीएनबीसी को सूत्र ने बताया कि लाचलन मर्डोक (Lachlan Murdoch) की व्यक्तिगत रूप से इस डील में शामिल होने की संभावना नहीं है लेकिन जिस फॉक्स कॉरपोरेशन के वह एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और सीईओ हैं, वह इसमं जरूर शामिल हो सकती है।
पिछले साल वर्ष 2025 में अमेरिकी कांग्रेस ने एक बिल पास किया था। इस बिल के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं के चलते टिकटॉक पर प्रतिबंध लग सकता है, अगर बाइटडांस अपने अमेरिकी कारोबार को नहीं बेचती है। अभी इस पर चीन की कंपनी बाइटडांस का मालिकाना हक है और फिलहाल अमेरिकी सरकार ने इस पर प्रतिबंध नहीं लगाया हुआ है लेकिन बाइटडांस पर अपने अमेरिकी कारोबार को बेचने का दबाव बना हुआ है।
व्हाइट हाउस ने शनिवार को टिकटॉक के संभावित सौदे के बारे में नया खुलासा किया कि इसे कंट्रोल करने वाले सात सदस्यों वाले बोर्ड में से छह अमेरिकी होंगे। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट के अनुसार ऐप के एल्गोरिदम पर भी अमेरिका का कंट्रोल होगा। कैरोलिन का कहना है कि अमेरिका में ऐप के डेटा और प्राइवेसी का काम ओरेकल संभालेगी।
अमेरिका और चीन के बीच हुई बातचीत
ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को टिकटॉक के सौदे को लेकर बातचीत की। ट्रंप का कहना है कि इस पर बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है और निवेशक तैयार कर रहे हैं। हालांकि चीन की तरफ से जो बयान जारी हुआ है, उसमें ये है कि अभी भी दोनों देशों के बीच काफी फर्क है यानी सहमति का रास्ता लंबा है। चीन की सरकारी न्यूज एजेंजीस शिन्हुआ के मुताबिक चीन सरकार कंपनियों को बाजार के हिसाब से कारोबारी बातचीत करते हुए और चीन के नियमों के हिसाब से हल निकाले। चीन का कहना है कि उसे उम्मीद है कि अमेरिका अपने यहां निवेश वाली चाइनीज कंपनियों के लिए बिना भेदभाव वाला माहौल देगी।