बाजार की निगाहें 29 जनवरी को बजाज फाइनेंस पर होंगी। ये दिग्गज गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) उस दिन अपने दिसंबर तिमाही के नतीजे घोषित करेगी। ब्रोकरेजेज के सर्वेक्षण के अनुसार, कंपनी का समेकित शुद्ध मुनाफा साल-दर-साल 25 प्रतिशत बढ़कर 3,716 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। ब्रोकरेज के औसत से पता चलता है कि शुद्ध ब्याज आय सालाना आधार पर 26 प्रतिशत बढ़कर 9,344 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। एनालिस्ट्स के अनुसार, स्टेबल एसेट क्वालिटी और मजबूत AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) की वृद्धि से आय बढ़ेगी। बजाज फाइनेंस ने 3 जनवरी को दिसंबर तिमाही AUM के लिए प्रोविजनल नंबर्स घोषित किए। मजबूत त्योहारी सीजन के दम पर, कंपनी का AUM पिछली तिमाही में पहली बार 3 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया। इसमें सालाना आधार पर 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी दिखी है।
Q3 अपडेट के अनुसार, इसकी डिपॉजिट बुक 35 प्रतिशत बढ़कर 58,000 करोड़ रुपये हो गई। तिमाही के दौरान, इसने 98.6 लाख नए लोन बुक किये। इसमें सालाना आधार पर 26 प्रतिशत की वृद्धि दिखी है।
मार्जिन और कॉस्ट ऑफ फंड्स
घरेलू ब्रोकिंग फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार मार्जिन और स्प्रेड में तिमाही आधार पर से क्रमशः 25 बेसिस प्वाइंट और 15 बेसिस प्वाइंट की गिरावट होने की संभावना है। क्रेडिट लागत तिमाही आधार पर 10 बेसिस बढ़कर 1.7 प्रतिशत होने की उम्मीद है।
फंड की लागत में बढ़ोतरी के कारण एक्सिस सिक्योरिटीज द्वारा मार्जिन में भी तिमाही आधार पर 10-15 बेसिस प्वाइंट की गिरावट देखी जा रही है। जेफरीज ने कहा कि MCLR से जुड़े लोन के वैल्यूएशन में देरी के कारण फंड की लागत बढ़ना एक इंडस्ट्री वाइड ट्रेंड है।
एक बेसिस प्वाइंट एक प्रतिशत अंक का सौवां हिस्सा है।
इस बीच, कॉस्ट-टू-इनकम रेशियो स्थिर रहने की उम्मीद है। KRChoksey रिसर्च के एनालिस्ट्स ने वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में कॉस्ट-टू-इनकम रेशियो 34.2 प्रतिशत बनाम 34.7 प्रतिशत आंका है।
नवंबर 2023 में, भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल लोन गाइडलाइंस का अनुपालन न करने के लिए बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance) को अपने “eCOM” और “Insta EMI Card” के माध्यम से नये लोन जारी करना बंद करने के लिए कहा। इस पर मैनेजमेंट की टिप्पणी पर नजर रखना महत्वपूर्ण है।
बजाज फाइनेंस Q3 के नतीजे भी अनसिक्योर्ड लोन और कंज्यूमर लोन के लिए रिस्क-वेटेज वृद्धि के खिलाफ आरबीआई की चेतावनी के बाद आए हैं। हालांकि विश्लेषकों को 10,000 करोड़ रुपये के फंड जुटाने के बाद बजाज फाइनेंस की लिक्विडिटी की स्थिति पर भरोसा है, लेकिन मैनेजमेंट की टिप्पणी पर नजर रखना महत्वपूर्ण होगा। इसमें ये देखना होगा कि आगे चलकर बजाज फाइनेंस का बोरोइंड मिक्स कैसे बदल सकता है क्योंकि बैंकों की एनबीएफसी को लोन देने की गति धीमी हो जाएगी।
इसके अलावा, स्ट्रीट इस बात पर भी नजर रखेगा कि नए प्रोडक्ट कैसे बढ़ रहे हैं और क्या किसी सेगमेंट में तनाव के संकेत दिख रहे हैं।
दिसंबर तिमाही में बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance) के शेयरों में 8 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई। जबकि निफ्टी में 11 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी आई। 2024 में अब तक स्टॉक 2.8 प्रतिशत नीचे है जबकि निफ्टी 1.8 प्रतिशत नीचे है।
26 जनवरी को एनएसई पर स्टॉक 7,091 रुपये पर सपाट बंद हुआ।
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