Pawan Hans disinvestment: पवन हंस का विनिवेश अभी नहीं होगा, कंपनी की माली हालत सुधारने पर होगा फोकस : सूत्र

Pawan Hans disinvestment: पवन हंस का विनिवेश फिलहाल नहीं करने का फैसला लिया गया है। पवन हंस में ONGC की 49 फीसदी हिस्सेदारी है। सूत्रों के मुताबिक करीब 20 नए हेलीकॉप्टर खरीदने का प्रस्ताव है। कंपनी के पास अभी कुल मिलाकर 46 हेलीकॉप्टर हैं

अपडेटेड Aug 16, 2024 पर 11:34 AM
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Pawan Hans : कंपनी के पास अभी कुल मिलाकर 46 हेलीकॉप्टर हैं। कंपनी में हेलीकॉप्टर पायलटों की नई भर्ती भी की जायेगी

Pawan Hans news: आज एक बड़ी खबर आई है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक पवन हंस का विनिवेश अभी नहीं होगा। विनिवेश की बजाय कंपनी की माली हालत सुधारी जाएगी। इस खबर पर ज्यादा डिटेल देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ संवाददाता रोहन सिंह ने बताया कि पवन हंस का विनिवेश फिलहाल नहीं करने का फैसला लिया गया है। विनिवेश की बजाय कंपनी की माली हालत सुधारने का फैसला लिया गया है। बता दें कि पवन हंस में ONGC की 49 फीसदी हिस्सेदारी है।

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक पवन हंस की स्थिति सुधारने के लिए करीब 20 नए हेलीकॉप्टर खरीदने का प्रस्ताव है। कंपनी के पास अभी कुल मिलाकर 46 हेलीकॉप्टर हैं। कंपनी में हेलीकॉप्टर पायलटों की नई भर्ती भी की जायेगी। विमानन मंत्रालय ने इन जरूरतों के लिए राशि बताने को कहा है।

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घाटे में चल रही कंपनी

पवन हंस सरकार और सरकारी कंपनी ONGC का एक ज्वाइंट वेंचर है। इसमें सरकार के पास 51 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि बाकी हिस्सा ONGC के पास है। सरकारी हेलीकॉप्टर कंपनी पवन हंस को बीते कुछ सालों से गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। यह देश की इकलौती सरकारी हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाता कंपनी है। तीन दशक से भी अधिक पुरानी इस कंपनी को वित्त वर्ष 2018-19 में लगभग 69 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इसके बाद साल 2019-20 में भी कंपनी को लगभग 28 करोड़ का घाटा उठाना पड़ा था। इसी के चलते सरकार ने अपनी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया था। हालांकि, अब सरकार को तकनीकी कारणों से इसका विनिवेश रद्द करना पड़ा है।

सरकार की विनिवेश नीति अभी तक नहीं रही है सफल

सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी बेचकर फंड जुटाने का यह कार्यक्रम अभी तक ज्यादा सफल नहीं रहा है।  साल 2021-22 में टारगेट 75,000 करोड़ रुपये था, मगर 37,896 करोड़ रुपये ही हासिल हो पाए। साल 2022-23 में पहले 65,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा था, फिर संशोधित कर 50,000 करोड़ रुपये कर दिया था। मगर सरकार 31,000 करोड़ रुपये ही जुटा पाई।

कैसी रही  ONGC की चाल

ONGC के शेयरों की चाल पर नजर डालें तो ये शेयर 2.15 रुपए यानी 0.66 फीसदी की बढ़त के साथ 330 रुपए के आसपास कारोबार कर रहा है। आज का इसका दिन का हाई 335.75 रुपए और 52 वीक हाई 345 रुपए है। स्टॉक ने 1 हफ्ते में 0.80 फीसदी का निगेटिव रिटर्न दिया है। 1 महीने में इसने 2.15 फीसदी और 1 साल में करीब 85 फीसदी रिटर्न दिया है। वहीं, 3 साल में इसमें 185 फीसदी की तेजी आई है।

 

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