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IRCTC के पैसेंजर डेटा बेचकर पैसे कमाने पर एक्सपर्ट्स ने जताई डेटा प्राइवेसी की चिंता

आईआरसीटीसी ने एक कंसल्टेंट नियुक्त किया है, जो उसकी मदद डेटा मॉनेटाइजेशन प्रोसेस में करेगा। कंपनी ने इससे 1,000 करोड़ रुपये रेवेन्यू का टारगेट तय किया है। आईआरसीटीसी के शेयरों में इस खबर के बाद उछाल देखने को मिला था

अपडेटेड Aug 20, 2022 पर 1:45 PM
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रेलवे के रिजर्वेशन टिकटों की ऑनलाइन बिक्री के लिए आईआरसीटीसी एकमात्र प्लेटफॉर्म है। इसलिए उसका डेटाबेस बहुत बड़ा है।

IRCTC ने पैसेंजर्स के डेटा बेचकर पैसे कमाने का प्लान बनाया है। इससे आईआरसीटीसी की कमाई बढ़ेगी। लेकिन, एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसा करने में कंपनी को प्राइवेसी से जुड़े मानकों का पालना करना चाहिए। उसे data anonymization के इंडस्ट्री के बेस्ट प्रैक्टिसेज का भी पालन करना होगा।

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट और इंफोसेक वॉयजर के डायरेक्टर जितेन जैन ने कहा, "डेटा पूरी तरह से annonymised होने चाहिए। आईआरसीटीसी को कस्टमर्स को annonymised के लेवल के बारे में भी बताना चाहिए। यह भी बताना चाहिए कि वह anonymity के लिए क्या प्रोसेस अपना रही है।"

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आईआरसीटीसी ने एक कंसल्टेंट नियुक्त किया है, जो उसकी मदद डेटा मॉनेटाइजेशन प्रोसेस में करेगा। कंपनी ने इससे 1,000 करोड़ रुपये रेवेन्यू का टारगेट तय किया है। आईआरसीटीसी के शेयरों में इस खबर के बाद उछाल देखने को मिला था। शुक्रवार को आईआरसीटीसी का शेयर 2 फीसदी से ज्यादा चढ़कर 729 रुपये पर बंद हुआ।

रेलवे के रिजर्वेशन टिकटों की ऑनलाइन बिक्री के लिए आईआरसीटीसी एकमात्र प्लेटफॉर्म है। इसलिए उसका डेटाबेस बहुत बड़ा है। रोजाना लाखों पैसेंजर इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल टिकट बुक कराने के लिए करते हैं। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि आईआरसीटीसी किस तरह पैसेंजर के डेटा का प्रोटेक्शन करेगी।

कंसल्टेंट की नियुक्ति के लिए आईआरसीटीसी के टेंडर में कहा गया है कि बिडर को आईटी एक्ट 2000 और उसके अमेंडमेंट्स, यूजर डेटा प्राइवेसी लॉज और पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2018 सहित कई लॉज की स्टडी करनी होगी। उसके बाद उन्हें डिजिटल एसेट्स के मॉनेटाइजेशन के लिए बिजनेस मॉडल पेश करना होगा।

लेकिन, अभी इंडिया में स्टैंडअलोन डेटा प्राइवेसी लॉ नहीं है। 2019 में डेटा प्राइवेसी बिल पेश किया गया था। लेकिन, इस संदस के मानसून सत्र में वापस ले लिया गया। सरकार ने कहा है कि वह जरूरी बदलाव के बाद दोबारा इस बिल को पेश करेगी।

बॉम्बे हाईकोर्ट के वकील सत्य मूले ने कहा, "पर्सनल डेटा की सुरक्षा के लिए किसी तरह का नियम और कानून नहीं होने से आईआरसीटीसी का यह कदम खतरे की घंटी जैसा है। इंडिविजुअल पैसेंजर की तरफ से आईआरसीटीसी प्लेटफॉर्म पर दी गई जानकारी साफ तौर पर मॉनेटाइजेशन के लिए नहीं है।"

इससे पहले कई बार आईआरसीटीसी के डेटा चोरी होने के मामले हो चुके हैं। अक्टूबर 2019 में खबर आई थी कि डार्क वेब रिस्क मॉनिटरिंग फॉर्म Cyble ने डार्क वेब पर 9,00,000 यूजर्स के डेटा देखे थे।

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