Oracle India bribe officials : दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी ओरेकल की भारतीय यूनिट ने बिजनेस हासिल करने के लिए अधिकारियों को घूस दी थी। ऐसे ही कई मामलों में उसे 2.3 करोड़ डॉलर का जुर्माना भरना होगा। अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने कहा कि फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट (FCPA) के उल्लंघन के आरोपों को सेटल करने के लिए ओरेकल को 2.3 करोड़ डॉलर का भुगतान करना होगा। इनमें भारत का मामला भी शामिल है।
इन तीन देशों में अमेरिकी कंपनी ने दी घूस
ये मामले 2016 और 2019 के बीच के हैं। कंपनी ने भारत, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में बिजनेस हासिल करने के लिए अधिकारियों को घूस दी। इसके लिए स्लश फंड्स का इस्तेमाल किया। स्लश फंड उस धन को कहा जाता है, जिसका अनुचित तरीके से लेखाजोखा होता है और गलत उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
रेल मंत्रालय से जुड़ी है कंपनी
SEC के आदेश के मुताबिक, Oracle India के सेल्स कर्मचारियों ने एक ट्रांसपोर्टेशन कंपनी के साथ ट्रांजेक्शन में “एक भारी डिस्काउंट स्कीम” का इस्तेमाल किया, जिसका मेजॉरिटी ओनर रेल मंत्रालय है। इस डील पर काम कर रहे कर्मचारियों ने दूसरी OEMs कंपनियों से मिले कॉम्पिटीशन का हवाला दिया और कथित रूप से कहा गया कि यदि सॉफ्टवेयर कम्पोनेंट की डील पर 70 फीसदी डिस्काउंट नहीं दिया गया तो डील हाथ से निकल जाएगी।
भारी डिस्काउंट वाली इस डील के लिए फ्रांस में एक कर्मचारी से मंजूरी लेनी थी, लेकिन इसके समर्थन में कोई डॉक्यूमेंट नहीं दिया गया। हालांकि, यह डिस्काउंट सरकार के स्वामित्व वाले एक एंटरप्राइजेज को दिया गया था इसलिए प्रोक्योरमेंट वेबसाइट पर संकेत दिए गए कि प्रोजेक्ट के लिए ओरेकल के प्रोडक्ट अनिवार्य किए जाने से Oracle India को किसी तरह के कॉम्पिटीशन का सामना नहीं करना पड़ा।
SEC के आदेश के मुताबिक, कर्मचारियों ने एक स्प्रेडशीट तैयार की और संकेत दिए कि सरकार के स्वामित्व वाले एंटरप्राइजेस के भारतीय अधिकारियों को संभावित रूप से 67,000 डॉलर का भुगतान किया गया। आदेश में बताया गया, लगभग 3,30,000 डॉलर SEO अधिकारियों को भुगतान के लिए एक इंटिटी को दिए गए और अन्य 62,000 डॉलर इस ट्रांजेक्शन के लिए जिम्मेदार सेल्स कर्मचारियों के नियंत्रण वाली एंटिटी को दिए गए।
कंपनी की सब्सिडियरीज ने इसी तरह तुर्की और यूएई में अधिकारियों को भुगतान के लिए स्लश फंड्स का इस्तेमाल किया।
इन आरोपों को सेटल करने के लिए ओरेकल को 1.5 करोड़ डॉलर की पेनाल्टी सहित कुल 2.3 करोड़ डॉलर का भुगतान करना होगा। इससे पहले, वर्ष 2012 में भी ओरेकल ने एक मामले में भारत में लाखों डॉलर की घूस दी थी।