पेटीएम (Paytm) कभी भारत के टेक स्टार्टअप इंडस्ट्री का चेहरा हुआ करती था। इसने भारत के सबसे बड़े इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) के साथ शेयर बाजार में एंट्री की थी, लेकिन यह फ्लॉप रहा और तब से इसकी मार्केट वैल्यू करीब दो तिहाई घट चुका है। आज यह टेक कंपनियों के वैल्यूएशन में आए गिरावट का प्रतीक बन चुकी है। हालांकि अब इसके फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) ने कंपनी के वित्तीय सेहत पर और कंपनी की भविष्य में संभावनाओं को लेकर निवेशकों में भरोसा जगाने पर अपना फोकस बढ़ाने का वादा किया है। बता दें कि Paytm फिलहाल घाटे में है और वह इससे बाहर आने की कोशिशों में लगी है।
विजय शेखर शर्मा ने बताया कि डिजिटल पेमेंट सर्विस मुहैया कराने वाली Paytm, भारत की पहली इंटरनेट कंपनी है, जिसने हाल में खत्म हुए वित्त वर्ष में 1 अरब डॉलर के रेवेन्यू का आंकड़ा पार किया है। बता दें कि Paytm औपचारिक रूप से वन97 कम्युनिकेशंस के रूप में रजिस्टर्ड है। विजय शेखर शर्मा ने कहा कि कंपनी अब अपना ध्यान ग्रोथ से हटाकर मुनाफे की तरफ लगा रही है।
उन्होंने कहा, "हम काफी उत्साहपूर्वक 1 अरब डॉलर के लक्ष्य का पीछा कर रहे थे।" Paytm के सीईओ ने आगे कहा, "मेरे लिए पेटीएम का IPO लाना एक तरह का ग्रैजुएशन था और मेरा उद्देश्य अब पेटीएम को ब्रेक-इवन और फिर प्रॉफिट में लाने का है।" बाद में रूस-यूक्रेन के बीच जंग और दुनिया के कई केंद्रीय बैंकों की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी ने इस स्थिति को और खराब कर दिया। ब्रेक-इवन उस स्थिति को कहते हैं जब कंपनी को कोई मुनाफा नहीं होता है, लेकिन उसे कोई घाटा भी नहीं होता है।
Paytm के शेयरों में गिरावट ने भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक चिंता खड़ी कर दी थी और निवेशक किसी स्टार्टअप्स में निवेश करने से पहले उसकी कमाई की संभावना को लेकर सतर्क होना शुरू हो गए थे। कई स्टार्टअप्स को तो अपने फंडिंग प्लान रोकने पड़े थे, क्योंकि निवेशकों ने उनमें रुचि लेना बंद कर दिया था। इसमें कई यूनिकॉर्न कंपनियां भी शामिल था। बता दें कि जब किसी स्टार्टअप्स की वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर के पार हो जाती है, तो उसे यूनिकॉर्न कहते हैं।
विजय शेखर शर्मा ने ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि वह निवेशकों का भरोसा वापस जीतने के मिशन पर है और इसके लिए वह 'रिवाइंड और रीसेट' की नीति अपनाकर चल रहे हैं। विजय शेखर शर्मा ने यह मिशन ऐसे समय में शुरू किया है, जब Paytm का ऑपरेटिंग घाटा बढ़कर 35 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है, उसे प्रतिद्वंदी कंपनियों से तगड़े कॉम्पिटीशन का सामना करना पड़ रहा है और निवेशकों में कंपनी के बिजनेस मॉडल को लेकर कोई अस्पष्टता नहीं है।
Paytm के फाउंडर ने कहा कि निवेशकों का भरोसा जीतने की दिशा में पहला यह कदम उन्हें यह विस्तार से बताना होगा कि कंपनी का रेवेन्यू मॉडल क्या है। शर्मा ने कहा कि पेटीएम के बिजनेस को मोटे तौर पर दो भागों में बांटा जा सकता है- पहला, कंपनी पेमेंट सेवा मुहैया कराने के कारोबार में है और दूसरा, वह लोन बेचती है।
हालांकि पेमेंट बिजनेस में अल्फाबेट इंक की कंपनी Google Pay, एमेजॉन की Amazon Pay और वॉलमार्ट के निवेश वाली PhonePe भी भारत में मौजूद है। हालांकि शर्मा को विश्वास है कि पेटीएम के प्रॉडक्ट उसे मार्केट में अपनी लीडरशिप पोजिशन बरकरार रखने में मदद करेंगे।
वन97 कम्युनिकेशंस (Patym) के शेयर गुरुवार को 0.02 फीसदी के साथ 714.00 रुपये पर बंद हुए। पेटीएम ने 12 मई 2022 को 510.05 रुपये का अपना निचला स्तर छुआ था और तब से इसमें करीब 40 फीसदी की तेजी आ चुकी है।