टाटा स्टील (Tata Steel) के शेयरधारकों की मंगलवार 28 जून को सालाना जनरल मीटिंग (AGM) हुई। इस दौरान कंपनी के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) ने शेयरधारकों को संबोधित करते हुए टाटा स्टील अपने ऊपर लदे कर्ज को हर साल 1 अरब डॉलर तक कम करना जारी रखेगी, लेकिन कंपनी ने अपनी विस्तार योजना को देखते हुए अभी तक खुद को कर्ज-मुक्त होने का लक्ष्य नहीं रखा है।
उन्होंने कहा कि टाटा स्टील आने वाले समय में कैपिटल एक्सपेंडिचर पर एक साल में 10 से 12 हजार करोड़ रुपये खर्च का लक्ष्य रखा है, लेकिन अगर इस बीच कोई अधिग्रहण का अच्छा मौका आता है तो यह खर्च बढ़ भी सकता है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कैपिटल एक्सपेंडिचर योजना का फोकस भारत में है और कंपनी की अपने विदेशी प्लांट्स में क्षमता विस्तार की कोई योजना नहीं है।
चंद्रशेखर ने कहा, "सबसे मुख्य चीज है पूंजी का सही स्ट्रक्चर तैयार करना, न कि बिना सोचे-समझे जीरो कर्ज के लक्ष्य की तरफ बढ़ना। फिलहाल हमारा डेट टू इक्विटी रेशियो और डेट टू EBITDA रेशियो, दोनों 1 से कम है। कंपनी का एक कैपिटल स्ट्रक्चर है, जो काफी मजबूत है और अगर हम कंपनी को जीरो-कर्ज की तरफ ले जाएंगे तो यह कैपिटल स्ट्रक्चर अकुशल हो सकता है।"
11 लाख टन होगी नीलाचल इस्पात की सालाना क्षमता
चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी अधिग्रहण प्रक्रिया पूरा होने के बाद नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (NINL) की सालाना क्षमता को अगले एक साल के दौरान बढ़ाकर 11 लाख टन करेगी। नीलाचल इंटीग्रेटेड आयरन और स्टील (इस्पात) का उत्पादन करती है।
टाटा स्टील की सब्सिडियरी कंपनी टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट्स (TCPL) ने इस साल जनवरी में 12,100 करोड़ रुपये में नीलाचल में 93.71 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली जीती थी। नीलाचल के एक अधिकारी ने पिछले महीने कहा था कि टाटा स्टील वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही के अंत तक NINL का अधिग्रहण पूरा कर लेगी।
इस बीच टाटा स्टील के शेयर मंगलवार को NSE पर 1.40 फीसदी बढ़कर 880.00 रुपये पर बंद हुए। पिछले एक महीने में कंपनी के शेयरों में 15.99 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं पिछले एक साल में इसके शेयर करीब 24.95 फीसदी नीचे आए हैं।