सोमवार 10 अक्टूबर को भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (Tata Consultancy Services(TCS) ने अपने दूसरी तिमाही यानी कि जून-सितंबर तिमाही के लिए अच्छे नतीजे जारी किये। कंपनी ने ये भी कहा कि वह अपने 70% कर्मचारियों के त्योहारों को खुशहाल बनाने के लिए 100% वैरियेबल पे भी देगी।
टीसीएस की दूसरी तिमाही के नतीजे जारी करने के बाद एनालिस्ट कॉन्फ्रेंस के दौरान कंपनी के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी मिलिंद लक्कड़ (Milind Lakkad, chief human resource officer) ने कहा, "हम 70% कर्मचारियों के लिए 100% वैरियेबल पे का भुगतान करने जा रहे हैं। शेष 30% को कर्मचारियों को उनकी बिजनेस यूनिट के प्रदर्शन के आधार पर भुगतान किया जाएगा। यह भुगतान दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के लिए है।"
कंपनी का कहना है कि उसके 6,16,171 कर्मचारियों में से एक तिहाई कर्मचारी हफ्ते में दो बार ऑफिस आ रहे हैं, जबकि "मूनलाइटिंग (Moonlighting)" एक नैतिक मुद्दा है जो टीसीएस की संस्कृति के अनुरूप नहीं है।
लक्कड़ ने इस मुद्दे पर कंपनी के रुख को दोहराते हुए कहा, "हमारा मानना है कि मूनलाइटिंग एक नैतिक मुद्दा है और सामान्य तौर पर कंपनी की संस्कृति और मूल मूल्यों के खिलाफ है।" हालांकि टीसीएस ने तकनीकी विशेषज्ञों के बीच इस नई उभरती प्रैक्टिस के संबंध में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
टीसीएस के सीईओ राजेश गोपीनाथन (Rajesh Gopinathan, CEO of TCS ) ने यह भी कहा कि यह इम्प्लॉयमेंट कॉन्ट्र्रैक्ट में भी कानूनी रूप से उल्लिखित है कि "किसी भी कर्मचारी को हमारे साथ काम करने के दौरान कहीं और काम करने की अनुमति नहीं है।"
पिछली तिमाही के 19.7% की तुलना में कंपनी का एट्रिशन रेट बढ़कर 21.5% हो गया। लेकिन टीसीएस ने संकेत दिया कि नौकरी छोड़ने का ये स्तर अपने चरम पर पहुंच गया है और यहां से यह "नीचे की ओर" गिरता चला जायेगा।
टीसीएस ने इस तिमाही में कुल 9,840 लोगों को अपनी कंपनी में शामिल किया। इसके साथ ही करीब 20,000 फ्रेशर्स को अपने साथ जोड़ा। कंपनी ने कहा था कि उसकी चालू वित्त वर्ष में 45,000-47,000 फ्रेशर्स को कंपनी में शामिल करने की योजना है, जिसमें से उसने अब तक 35,000 को काम पर रखा गया है। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने प्रति तिमाही लगभग 26,000 कर्मचारियों को कंपनी में नौकरी दिये जाने की सूचना दी थी।