टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने सोमवार 10 अक्टूबर को एक बयान में मूनलाइटिंग (Moonlighting) को एक नैतिक मुद्दा बताया और कहा कि यह कंपनी के मूल सिद्धातों और संस्कृति के खिलाफ है। हालांकि कंपनी ने साथ ही यह भी बताया कि अभी तक दूसरी जगह भी जॉब करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
TCS ने सोमवार को अपने सितंबर तिमाही के आंकड़े जारी किए। इस दौरान कंपनी के चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर लक्कड़ ने कहा कि कर्मचारियों को मूनलाइटिंग को लेकर कंपनी के रुख के बारे में बता दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसी के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
TCS के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) राजेश गोपीनाथन ने कहा कि कंपनी के एंप्लॉयमेंट कॉन्ट्रैक्ट में इस बात का स्पष्ट जिक्र किया गया है कि कर्मचारियों को किसी अन्य ऑर्गनाइजेशन के लिए काम करने की अनुमति नहीं है।
हाल में बहुत सारी आईटी सेक्टर के कर्मचारियों ने घर से काम करने के दौरान एक साथ दो-दो नौकरियां करनी शुरू कर दी थी। हालांकि मामला सामने आने के बाद ज्यादातर कंपनियों ने इस पर सख्त ऐतराज जताते हुए इसे अस्वीकार्य बताया है।
इंफोसिस और विप्रो जैसी TCS की समकक्ष कंपनियों ने भी इस प्रैक्टिस का विरोध किया। इंफोसिस ने कंपनी के अलावा दूसरी जगह जॉब करने वाले कर्मचारियों को एक वार्निंग लेटर भेजा है। जबकि विप्रो ने एक कदम आगे बढ़ते हुए ऐसे 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।
TCS ने सितंबर में अपने सभी कर्मचारियों को हफ्ते में कम से कम 3 दिन ऑफिस से काम करने का आदेश दिया और कहा कि कंपनी के इस नियम का पालन अनिवार्य है। लक्कड़ ने कहा कि कंपनी के सभी सीनियर कर्मचारी पहले से ही ऑफिस आ रहे हैं। कंपनी ने कहा कि इस आदेश का पालन नहीं करना अनुशासन हीनता मानी जाएगी और ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कंपनी ने कर्मचारियों को भेजे ईमेल में कहा, "TCS के सीनियर लीडर्स पहले से ही ऑफिस से काम कर रहे हैं और हमारे क्लाइंट्स भी TCS ऑफिसों का दौरा कर रहे हैं। ऐसे में आपके संबंधित टीम के मैनेजर अब आपको हफ्ते में कम से 3 दिन TCS ऑफिस से काम करने का रोस्टर बनाएंगे।"