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Ujjivan Small Finance : 18 फीसदी रिटर्न की गांरटी, इसके बावजूद शेयरों में दिलचस्पी नहीं, जानिए क्या है वजह

3 अक्टूबर के क्लोजिंग प्राइस पर यूएसएफबी की वैल्यूएशन ट्रेलिंग 12 महीनों की बुक वैल्यू का तिगुना है। यह आईडीएफसी फर्स्ट बैंक से ज्यादा है, जिसमें बुक के 2.5 गुना से कम पर कारोबार हो रहा है। यह करुर वैश्य बैंक से ज्यादा है, जिसकी वैल्यूएश बुक के दोगुना से कम है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 04, 2023 पर 4:38 PM
Ujjivan Small Finance : 18 फीसदी रिटर्न की गांरटी, इसके बावजूद शेयरों में दिलचस्पी नहीं, जानिए क्या है वजह
3 अक्टूबर को यूएफएस का स्टॉक 581 रुपये पर बंद हुआ था। यूएसएफबी के शेयर की क्लोजिंग प्राइस 59 रुपये थी। 1:11.6 के मर्जर रेशियो को देखते हुए UFS के शेयर का प्राइस 684 रुपये होना चाहिए या यूएसएफबी के शेयर का प्राइस 50 रुपये होना चाहिए।

Ujjivan Small Finance Bank (USFB) और Ujjivan Financial Services (UFS) के स्टॉक्स ने इस साल मार्च से इनवेस्टर्स के पैसे 2.5 गुना कर दिए हैं। USFB में यूएफएस का विलय होने वाला है। पिछले साल विलय के लिए स्वैप रेशियो का ऐलान हुआ था। इसके मुताबिक, यूएफएस के प्रत्येक शेयर के बदले निवेशकों को यूएसएफबी के 11.6 शेयर मिलेंगे। सितंबर के पहले तक शेयरों की चाल एक जैसी थी। लेकिन, बीते एक महीना से यूएफएस का शेयर तेज रफ्तार दिखा रहा है। इस वजह से दोनों स्टॉक्स के बीच 15-18 फीसदी का फर्क आ गया है। 3 अक्टूबर को यूएफएस का स्टॉक 581 रुपये पर बंद हुआ था। यूएसएफबी के शेयर की क्लोजिंग प्राइस 59 रुपये थी। 1:11.6 के मर्जर रेशियो को देखते हुए UFS के शेयर का प्राइस 684 रुपये होना चाहिए या यूएसएफबी के शेयर का प्राइस 50 रुपये होना चाहिए।

कुछ स्मार्ट इनवेस्टर्स मौके का फायदा उठा रहे

यूएसएफबी में यूएफएस के विलय से यूएफएस के शेयरधारकों को 18 फीसदी मुनाफा मिलता दिख रहा है। यह उन ट्रेडर्स के लिए एक पहेली है, जो आर्बिट्रॉज से प्रॉफिट के लिए यूएफएस के स्टॉक्स खरीद रहे हैं। कीमतों में इस तरह की विसंगती को आसानी से देखा जा सकता है। यह फर्क खत्म हो जाना चाहिए था। लेकिन, यह बना हुआ है। इसका मतलब है कि कुछ स्मार्ट इस मौके का फायदा उठा रहे हैं। इसकी एक वजह यह चिंता हो सकती है कि विलय की प्रक्रिया में अनुमान से ज्यादा समय लग सकता है। यह ध्यान में रखने वाली बात है कि शेयरधारकों की मंजूरी हासिल करने के लिए होने वाले एजीएम में भी एक महीने का समय बाकी है। अगर विलय की पक्रिया में देरी चिंता की वजह होती तो यह 18 फीसदी उतना अट्रैक्टिव नहीं लगता। इसकी वजह यह है कि ट्रेडर्स बेहतर रिटर्न के लिए अपना पैसा दूसरी रखना पसंद करते।

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