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ब्यूरोक्रेसी के कामकाज का तरीका ठीक करने के लिए HR फर्म नियुक्त करेगी सरकार

HR कंसल्टेंसी फर्म सात प्रमुख मंत्रालयों और विभागों के संगठनात्मक ढांचे और काम के आवंटन के दस्तावेजों को रिव्यू करेगी

अपडेटेड May 31, 2021 पर 12:51 PM
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भारत सरकार देश की नौकरशाही की क्षमता को सुधारने में मदद करने के लिए एक प्रमुख HR कंसल्टेंसी फर्म को हायर करना चाहती है और इसे वित्त मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय सहित सात प्रमुख मंत्रालयों और विभागों के संगठनात्मक ढांचे और काम के आवंटन दस्तावेजों का अध्ययन करने की अनुमति देगी। ये कदम प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी "मिशन कर्मयोगी" परियोजना का हिस्सा होगा, जिसकी घोषणा पिछले सितंबर में की गई थी।

शुरुआत में कंसल्टेंसी को भारत सरकार के सात प्रमुख मंत्रालयों या विभागों के संगठनात्मक ढांचे और कार्य आवंटन दस्तावेजों का अध्ययन करने के लिए कहा जाएगा, जिसमें वित्त मंत्रालय (आर्थिक मामलों का विभाग), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, NHAI, पर्यावरण और वन मंत्रालय और कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) शामिल है। COVID-19 संकट के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय फोकस में रहा है।

न्यूज18 ने बोली लगाए गए दस्तावेज के हवाले से बताया कि DoPT ने दो दिन पहले HR कंसल्टिंग और कंपीटेंसी डेवलपमेंट में अच्छा अनुभव रखने वाली एक प्राइवेट कंसल्टेंसी को नियुक्त करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) जारी किया है।

कंसल्टेंसी को केंद्र सरकार के लिए एक FRAC यानि रोल, एक्टिविटी और कंपीटेंसी को डिजाइन और विकसित करना है, जिसके आधार पर ही भविष्य की सिविल सर्विस को ढाला जाएगा।

दस्तावेज में निर्देश दिया गया है कि कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय (DoPT) और वित्त मंत्रालय (आर्थिक मामलों के विभाग) के लिए बोली लगाने वाले को "एंड टू एंड FRAC एक्टिविटी" करनी होगी।

एक्टिविटी की जानकारी देते हुए बिडिंग दस्तावेज में कहा गया है, "भारत में कई असामान्य चुनौतियों और अवसरों के साथ-साथ एक अभूतपूर्व डिजिटल पैठ और आईटी साक्षर कार्यबल में एक ऐसे ढांचे के निर्माण की जरूरत है, जो दुनिया के लिए अद्वितीय है और पहले इसके लिए कभी प्रयास नहीं किया गया है।"


विचार ये है कि चूंकि हर एक सरकारी पद की भूमिकाएं और उससे जुड़ी गतिविधियां होती हैं, इसलिए सभी गतिविधि को पूरा करने के लिए कुछ दक्षताओं की जरूरत होती है। इसमें अधिकारियों को नई दक्षताएं मिलेंगी और वे इससे अपने करियर में विकसित होंगे।

इसमें कहा गया है कि चूंकि भारत "बड़े परिवर्तन के कगार पर" है, इसलिए देश को भारतीय जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की उच्च दर हासिल करने और बनाए रखने की जरूरत है, जिसमें काफी युवा आबादी शामिल है और सिविल सेवा में सुधार उसके लिए एक स्तंभ।

कंसल्टेंसी क्या करेगी?

हायर किए गया कंसल्टेंट सरकार को सचिवालय प्रशिक्षण और प्रबंधन संस्थान में एक FRAC सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने और संचालित करने और FRAC के लिए रणनीति और संचालन प्रक्रियाओं को विकसित करने में मदद करेगा।

दस्तावेज के अनुसार, FRAC तीन प्रकार की दक्षताओं को परिभाषित करेगा।

सबसे पहले, व्यवहारिक दक्षताएं होंगी, जो अधिकारियों को प्रभावी ढंग से प्रदर्शन करने में मदद करेंगी, जिसमें समस्या का समाधान कैसे किया जाए, सही समय पर सही निर्णय लेना और नेटवर्किंग जैसी कई चीजें शामिल हैं।

दूसरी प्रोजेक्ट मैनेज मेंट, टाइम मैनेजमेंट और कम्युनिकेशन के जरिए डोमेन और पदों पर प्रभावी ढंग से प्रदर्शन करने के लिए कौशल और ज्ञान जैसी कार्यात्मक दक्षताएं होंगी।

तीसरी डोमेन दक्षताएं होंगी, जैसे केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) में काम करने वाले अधिकारी, जिन्हें इनडायरेक्ट टैक्सेशन, सीमा शुल्क और सतर्कता योजना में दक्षताओं की जरूरत होती है।

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