वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि देश ने कोरोना के कारण हुई संकट की स्थिति का मजबूती और साहस के साथ सामना करने के साथ ही इस महामारी के खिलाफ वैश्विक अभियान में भी बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था के लिए राहत के उपाय करने के साथ ही संकट को अवसर में बदलने के लिए ढांचागत सुधार भी किए हैं।
वर्ल्ड बैंक की डिवेलपमेंट कमेटी को अपने संबोधन में सीतारमण ने कहा, "सरकार की ओर से किए गए उपायों से देश की लंबी अवधि में इकोनॉमिक ग्रोथ का मजबूत आधार बना है।"
सीतारमण ने कहा कि कोरोना के खिलाफ अभियान में सरकार का लक्ष्य जीवन के साथ ही आजीविका को भी बचाने का था।
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड के वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटुलक के अनुसार, भारत के इस वर्ष सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी बनने की संभावना है। इस वर्ष इकोनॉमिक ग्रोथ 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से अधिक नुकसान होने के बावजूद अप्रैल-जून तिमाही में इकोनॉमिक ग्रोथ 20.1 प्रतिशत की थी। यह कोरोना से पहले के लेवल्स की तुलना में 90 प्रतिशत से अधिक की रिकवरी है।
सीतारमण ने बताया कि लॉकडाउन और कोरोना से जुड़ी अन्य पाबंदियों में छूट देने के साथ जुलाई, अगस्त और सितंबर में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। इससे इकोनॉमी के दोबारा रफ्तार पकड़ने का संकेत मिल रहा है। आगामी महीनों में भी GST कलेक्शन मजबूत रहने की संभावना है।