चीन में उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ फैशन इंडस्ट्री से जुड़े एक संगठन के आवाज उठाने का मकसद मानवाधिकारों को लेकर चीन को सतर्क करना था। इसके साथ ही बेटर कॉटन इनिशिएटिव (BCI) ने लगभग 60 अरब डॉलर के ग्लोबल कॉटन बिजनेस में गलत तरीकों को समाप्त करने की कोशिश की थी। हालांकि, इसका असर उल्टा हुआ और पश्चिमी देशों के ब्रांड्स को यह पता चल गया कि चीन में अलग तरीके से काम होता है।
BCI के कॉटन का उत्पादन करने वाले चीन के शिनजियांग क्षेत्र में जबरदस्ती मजदूरी करवाने के आरोपों पर एक बयान प्रकाशित करने के बाद 12 महीनों की अवधि के दौरान बहुत से ब्रांड्स को चीन में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है।
कॉटन के सबसे बड़े उत्पादकों और उपभोक्ताओं में शामिल चीन का कहना है कि मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के आरोप गलत हैं।
BCI के मेंबर्स में यूनिक्लो और वॉलमार्ट जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों ने अपनी वेबसाइट्स से शिनजियांग में स्थिति पर चिंता जताने वाले बयान हटा लिए हैं।
H&M के लिए चीन कभी चौथा सबसे बड़ा मार्केट था लेकिन पिछली तिमाही में कंपनी का चीन में रेवेन्यू लगभग 40 प्रतिशत घटा है।
इस विवाद से यह पता चलता है कि इंटरनेशनल ब्रांड्स के लिए पश्चिमी देशों के कस्टमर्स की डिमांड्स और मानवाधिकार संगठनों के सिद्धांतों को पूरा करने के साथ चीन में सरकार के साथ संबंधों को ठीक रखना कितना मुश्किल है।
अमेरिकी सरकार के पिछले वर्ष अक्टूबर में शिनजियांग से कुछ इम्पोर्ट पर प्रतिबंध लगाने के बाद इस विवाद की शुरुआत हुई थी। अमेरिका का कहना था कि चीन में अथॉरिटीज ने 10 लाख से अधिक उइगर मुस्लिमों को हिरासत में रखा है। हालांकि, चीन ने इससे इनकार किया था।
चीन के कई सेलेब्रिटीज ने H&M जैसे BCI के मेंबर्स के साथ अपने कॉन्ट्रैक्ट समाप्त कर दिए हैं।
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