रविवार, 5 अक्टूबर 2025 की शाम पाकिस्तान में 4.6 तीव्रता का भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, झटका शाम 6:59 बजे (IST) दर्ज हुआ और इसकी गहराई मात्र 10 किलोमीटर थी। भूकंप का केंद्र 30.33° उत्तरी अक्षांश और 66.43° पूर्वी देशांतर पर स्थित था। आसपास के इलाकों में कंपन महसूस किए गए, लेकिन फिलहाल किसी बड़े नुकसान या जनहानि की जानकारी नहीं है।
यह इस हफ्ते पाकिस्तान में आया दूसरा भूकंप है। 2 अक्टूबर को कराची के पास मलीर से सात किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में 3.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था, जिसकी गहराई भी 10 किलोमीटर थी। इससे पहले 16 सितंबर को 4.5 तीव्रता का भूकंप 60 किलोमीटर गहराई पर रिकॉर्ड हुआ था।
पाकिस्तान दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां भूकंप का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। इसका कारण है कि यह इलाका भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट्स के टकराव क्षेत्र में आता है। यही टकराव बार-बार भूकंपीय हलचलें (seismic activity) पैदा करता है।
बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और गिलगित-बाल्टिस्तान जैसे इलाके मुख्य फॉल्ट लाइन्स, जैसे मेन सेंट्रल थ्रस्ट के पास हैं, इसलिए यहां सबसे ज्यादा खतरा रहता है।
वहीं, पंजाब और सिंध भी अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण भूकंप के जोखिम वाले इलाके माने जाते हैं।
पाकिस्तान के इतिहास में सबसे भीषण भूकंप 1945 का बलूचिस्तान भूकंप था, जिसकी तीव्रता 8.1 मापी गई थी। आज भी भारतीय प्लेट का उत्तर की ओर धक्का जारी है, जिससे पूरे क्षेत्र में बार-बार झटके महसूस होते रहते हैं।
इस साल की शुरुआत से ही कराची में करीब 30 छोटे भूकंप दर्ज किए जा चुके हैं।
मुख्य मौसम विज्ञानी आमिर हैदर के अनुसार, लांधी फॉल्ट लाइन, जो दशकों से निष्क्रिय थी, अब फिर से सक्रिय हो गई है और “सामान्यीकरण की प्रक्रिया” से गुजर रही है।